
*मेडिक्लेम कंपनी और हॉस्पिटलों की बड़ी सांठगांठ उजागर कर दी है मरीज के परिजन ने*
*इंदौर के लुटेरे अस्पतालों पर कोन कसेगा शिकंजा*
इंदौर। डॉल्फिन हॉस्पिटल ने एक बच्चे का 9 दिन इलाज और एडमिशन मेडिक्लेम star Helth पालिसी के आधार पर किया बीच में कंपनी का कर्मचारी पेशेंट और इलाज की प्रकिया और डॉक्टर के इलाज को वेरिफाई भी कर कर गया।
वन्दे भारत न्यूज चैनल उज्जैन
मजेदार बात यह रही कि तब तक कंपनी ने कोई त्रुटि नहीं पाई निरन्तर इलाज चला जब डिस्चार्ज और बिल पेमेंट की बात आई तो हॉस्पिटल वाले बोले मेडिक्लेम एप्रूवल नहीं हुआ पेमेंट कैश जमा कीजिए। पेशेंट के पिता ने पूछा सर अप्रूवल फेल होने की वजह क्या है तो बताया कंपनी डॉ हेमंत जैन के इलाज पर प्रश्नचिन्ह लगाया तो मरीज़ के परिजन ने कहा इसमें पेशेंट का क्या कसूर कंपनी चिकित्सक के इलाज पर संदेह कर रही है तो इसमें पॉलिसी होल्डर की क्या गलती? ये पैसा डॉ हेमंत जैन दे या कंपनी !!! मरीज के परिजन ने साफ कहा हम एक रुपया नहीं देंगे, इस बात को लेकर जब डॉ हेमंत जैन से संपर्क किया तो उन्होंने हाथ ऊंचे कर दिए बोले डॉलफिन अस्पताल मेरा नहीं मैने सिर्फ इलाज किया है! तो परिजन ने कहा सर ठीक है कल 11 बजे हमारे सामाजिक संगठन मीडिया पुलिस के सामने बोल देना अस्पताल मेरा नहीं फिर पब्लिसिटी पाने के लिए तैयार रहें इसके कुछ ही घंटों बाद अस्पताल में अप्रूवल भी आ गया और डिपाजिट भी रिफंड हो गया ।
इस प्रकरण में मेडिक्लेम कंपनी और हॉस्पिटलों की कितनी बड़ी मिलीभगत सामने आई है, यदि पेशेंट बीमे के भरोसे भरती हो जाए तो तो घर बेचकर पैसा दे । पॉलिसी नियमों को सख़्त किया जाना जरूरी है।