
वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज गाजीपुर संवादाता
गाजीपुर। पुलिस लाइन गाजीपुर में नव नियुक्त रिक्रूट आरक्षियों के लिए फोरेंसिक साइंस (विधि विज्ञान) पर विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य नए आरक्षियों को अपराध की जांच में वैज्ञानिक तकनीकों और भौतिक साक्ष्यों के संरक्षण के बारे में जानकारी देना था।
प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य
पुलिस अधीक्षक गाजीपुर के निर्देशन में आयोजित इस कार्यशाला में रिक्रूट आरक्षियों को विधि विज्ञान, विधि चिकित्सा शास्त्र और प्राथमिक उपचार के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
कौन-कौन से विषय सिखाए गए?
प्रशिक्षण के दौरान निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष फोकस किया गया:
✔ भौतिक साक्ष्यों के स्रोत और प्रकार
✔ घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया
✔ साक्ष्यों की पैकिंग और सुरक्षित संरक्षण
✔ क्राइम सीन पर साक्ष्यों को नुकसान से बचाने के तरीके
रिक्रूट आरक्षियों को यह भी बताया गया कि खून, बाल, फिंगरप्रिंट, कपड़े, हथियार जैसे महत्वपूर्ण साक्ष्यों को कैसे सुरक्षित रखा जाए ताकि जांच प्रक्रिया में उनका सही उपयोग हो सके।
वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
इस कार्यशाला में प्रतिसार निरीक्षक, आरटीसी प्रभारी, इनडोर एवं आउटडोर प्रशिक्षक और आरटीसी मेजर सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
क्यों जरूरी है फोरेंसिक साइंस ट्रेनिंग?
फोरेंसिक साइंस आज अपराध की जांच में अहम भूमिका निभाता है। सटीक साक्ष्य एकत्रित करने से न सिर्फ अपराधियों को सजा दिलाने में मदद मिलती है बल्कि निर्दोष लोगों को भी बचाया जा सकता है। यही कारण है कि पुलिस विभाग अब वैज्ञानिक तरीकों से जांच पर अधिक जोर दे रहे है Ghazipur पुलिस, फोरेंसिक साइंस कार्यशाला, नव नियुक्त रिक्रूट आरक्षी, पुलिस प्रशिक्षण, अपराध जांच तकनीक)