
अजीत मिश्रा (खोजी)
संतकबीरनगर।। दलालों की सक्रियता या फिर भ्रष्टाचार का बढ़ावा?
😇मनरेगा के परियोजनाओं मे हुए हेराफेरी और अनियमितता कर सरकारी धन का हुआ गबन लेकिन दोषियों के विरुद्ध नहीं हुई किसी भी प्रकार का कोई कार्यवाही। जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता बीजेपी मण्डल उपाध्यक्ष सांथा अभिषेक कुमार ने मय शपथपत्र जिलाधिकारी महोदय संतकबीरनगर को ग्राम पंचायत मेहदूपार के मनरेगा के फर्जी परियोजनाओं और कोई कार्य हुए परियोजनाओं पर सरकारी धन का भुगतान कराकर दोषियों के द्वारा गबन कर लिए जाने का दिया था शिकायत पत्र। शिकायतकर्ता के द्वारा दिए गए शिकायत पत्र पर गठित टीम मे जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी और अवर अभियंता डी आर डी ए ने शिकायत पत्र का मौके पर जा कर किया था जांच।
जांच टीम ने अपने जांच रिपोर्ट मे स्पष्ट रूप मे लिखा कि ग्राम पंचायत अतरीनानकार मे स्थित स्थानों को ग्राम पंचायत मेहदूपार की परियोजनाओं को दिखाकर भुगतान लिया गया है तथा ग्राम पंचायत मेहदूपार के मनरेगा की तीन परियोजनाओं पर बिना कार्य हुए ही भुगतान किया गया है लेकिन डी सी मनरेगा संतकबीरनगर ने सिर्फ मनरेगा के तीन परियोजनाओं पर ही अनियमितता की पुष्टि किया जबकि जालसाजी करके दूसरे ग्राम पंचायत अतरीनानकार के परियोजनाओं को नही दर्शाया।
जांच मे अनियमित्ता की जांच टीम द्वारा पुष्टि करने के बावजूद अभी तक उक्त मनरेगा के परियोजनाओं पर अनियमित्ता करने वाले दोषियों के विरुद्ध कोई वैधानिक कार्यवाही नही हुआ। मनरेगा एस ओ पी के अनुसार किसी भी परियोजना पर उसपे खर्च धनराशि का यदि 10% का ही अनियमित्ता पाया जाता है तो उक्त परियोजनाओं मे सम्मिलित दोषियों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही करने का है प्रावधान।
शिकायतकर्ता के अनुसार एक दलाल (जिसको विकास भवन के विकास विभाग मे अक्सर देखा जाता है।) उक्त मामले में अपने दलालीं के बदौलत नही होने दे रहा दोषियों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही।अब दलालों की दलाली कहे या फिर भ्रष्टाचार को बढ़ावा अनियमितता की पुष्टि होने के बाद भी दोषियों के विरुद्ध नही हो रहा कोई वैधानिक कार्यवाही।