
अलवर जिले के विधान सभा क्षेत्र कठूमर में पंद्रह दिनों से लगातार भारी बारिश के चलते किसानों की खरीफ की फसल में बाजरा की फसल लगभग 70 से 80 प्रतिशत तक नष्ट होने के कगार पर है और कुछ हो भी चुकी है कुछ किसानों की फसल कटी हुई खेत में जलमग्न हो गई तो कुछ का खड़ी फसल बिना काटे ही धराशाही हो कर बाजरे की बालों में अंकुरित होकर उगना शुरू हो गए हैं और बरसात किसानों को इतना अवसर नहीं दे रही कि किसान किसी को तरह अपनी पकी पकाई फसल को आंखों के सामने नष्ट होने पर बचा सके बेचारा किसान एक तरफ प्रकृति के कहर से टूट कर हताश हैं उसे कुछ भी सुध बुध नहीं और ऐसे संकट की घड़ी में बीमा कंपनिया बजाय उचित सहायता प्रदान करने के इस कदर सवाल पे सवाल किए जा रही है जैसे किसानों ने फसल नष्ट होने की शिकायत दर्ज करवा के कोई बहुत बड़ा अपराध कर दिया हो आप को बता दें पंद्रह दिन से पसल नष्ट भ्रष्ट हुई खेत खलियान में पड़ी है और बीमा कंपनिया अलग ही नियम कानून बता बता कर पीड़ित किसानो को आत्महत्या तक करने पर मजबूर कर रही है आप को आज किसान के साथ जो चालाकी बीमा कंपनिया कर रही है इसमें लाचार किसान के आंसू जब निकलते है तो उनके बिलखते ह्रदय का श्राप बहुत ही अकल्पनीय होगा जिसका दुष्परिणाम भुगतना पड़ेगा







