
समीर वानखेड़े चंद्रपुर महाराष्ट्र:
अल्पसंख्यक विभाग की ओर से वक्फ बोर्ड को तत्काल 10 करोड़ का फंड देने की घोषणा की गई थी। चुनाव से पहले राज्य सरकार ने वक्फ बोर्ड को इंफ्रास्ट्रक्चर और मजबूती के लिए 10 करोड़ का फंड देने का फैसला किया था। कल 28 नवंबर को जीआर निकाला गया। इस संबंध में अल्पसंख्यक विभाग ने सरकारी आदेश (जीआर) जारी कर दिया है। इसके बाद ऐसा लग रहा है कि बीजेपी आक्रामक हो गई है। इस बारे में काफी चर्चा के बाद इस फैसले को वापस ले लिया गया है। जानकारी सामने आई है कि मुख्य सचिव सुजीता सौनिका से जीआर वापस ले लिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि वक्फ बोर्ड को राशि देने के लिए जीआर निकाला गया था, जो एक प्रशासनिक त्रुटि थी । सूत्रों से जानकारी मिली है कि जब राज्य में कार्यवाहक सरकार हो तो अधिकारी इस तरह का आपसी आदेश जारी नहीं कर सकते। इस समय कोई नीतिगत निर्णय नहीं लिया जा सकता। इसके बावजूद चर्चा रही कि प्रशासनिक स्तर पर यह आदेश जारी किया गया है। लिहाजा, सूत्रों से पता चला है कि राज्य के मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को तुरंत गलती सुधारने के निर्देश दिये हैं। अब यह बात सामने आई है कि वक्फ बोर्ड को जीआर द्वारा फंड दिया जाना एक प्रशासनिक गलती थी। इसके बाद, खबर मिली है कि मुख्य सचिव सुजीता सौनिका ने जीआर वापस ले लिया है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि जब राज्य में कार्यवाहक सरकार हो तो अधिकारी इस तरह का आपसी आदेश जारी नहीं कर सकते।
वक्फ बोर्ड को तुरंत 10 करोड़ का फंड देने की घोषणा की गई, देखा गया कि अल्पसंख्यक विभाग ने जो फैसला लिया है उसके बाद बीजेपी प्रवक्ता भी आक्रामक हो गए हैं। बीजेपी प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘अभी WFC बोर्ड को फंड देने की खबरें चल रही हैं। फिलहाल महाराष्ट्र में कार्यवाहक सरकार है और इस सरकार के पास नीतिगत फैसले लेने का अधिकार नहीं है। केवल तभी जब कुछ आपातकालीन निर्णय तत्काल लेने हों। ऐसा लगता है कि फंड को लेकर फैसला प्रशासनिक स्तर पर लिया गया है, इसलिए उम्मीद है कि प्रशासन अपने फैसले में संशोधन करेगा।
जीआर पर प्रशासन का स्पष्टीकरण
मीडिया में फंड देने की खबर सामने आने के बाद अब प्रशासन ने मामले पर सफाई दी है। यह प्रशासनिक स्तर पर बड़ी चूक है। जब राज्य में कार्यवाहक सरकार हो तो अधिकारी इस तरह का आपसी आदेश जारी नहीं कर सकते और कोई नीतिगत निर्णय नहीं लिया जा सकता। इसके बावजूद उन्होंने यह भी कहा है कि यह आदेश प्रशासनिक स्तर पर जारी किया गया था।