
रायपुर। भारतमाला परियोजना से जुड़े कथित घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को छत्तीसगढ़ में व्यापक कार्रवाई की। यह छापेमारी रायपुर से विशाखापत्तनम तक प्रस्तावित आर्थिक गलियारे के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान मुआवजा वितरण में हुई कथित गड़बड़ियों को लेकर की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, ED की टीमें रायपुर और महासमुंद जिलों में कुल नौ से अधिक ठिकानों पर तलाशी अभियान चला रही हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, जांच का केंद्र भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत रायपुर–विशाखापत्तनम कॉरिडोर के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण और उससे जुड़े मुआवजा भुगतान हैं।
इस कार्रवाई के दायरे में हरमीत सिंह खनूजा, उनके कथित सहयोगी, कुछ सरकारी अधिकारी और संबंधित भूमि मालिक शामिल बताए जा रहे हैं। अधिकारियों का मानना है कि मुआवजा वितरण प्रक्रिया में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं, जिनकी परतें अब खोली जा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि भारतमाला परियोजना के तहत देशभर में लगभग 26,000 किलोमीटर लंबे आर्थिक गलियारों का विकास प्रस्तावित है। इन गलियारों का उद्देश्य गोल्डन क्वाड्रिलेटरल के साथ-साथ उत्तर–दक्षिण और पूर्व–पश्चिम कॉरिडोर को मजबूत करना है, ताकि सड़क मार्ग से माल परिवहन को अधिक सुगम और तेज बनाया जा सके।











