
सहारनपुर में अवैध कॉलोनी का हकीकत का काला खेल: हवाला और सोना तस्करी से जुड़े भू-माफिया खुलेआम बेच रहे प्लॉट, SDA की खामोशी भ्रष्टाचार को दे रही है हवा
📍 चिलकाना रोड पर नहर पार: प्रशासन की खामोशी और भू-माफिया की सांठगांठ पर शहर में उठ रहे सवाल
📍 सहारनपुर (उत्तर प्रदेश), 13.09.2025 – सहारनपुर शहर के चिलकाना रोड पर नहर पार करते ही करीब 50 बीघा भूमि पर अवैध कॉलोनी का निर्माण तेजी से जारी है और यह मामला स्थानीय लोगों, प्रशासन और भू-माफिया के बीच एक बड़ा विवाद बन गया है। यह वही भूमि है जिस पर पहले SDA (सहारनपुर विकास प्राधिकरण) ने बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माणों को गिराया था, लेकिन अब दोबारा यह क्षेत्र नए मकानों और ऊंचे दामों पर ऑफिस बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस कॉलोनी के पीछे जिन लोगों का नाम सामने आ रहा है, वे सीधे तौर पर हवाला कारोबार और सोने की तस्करी से जुड़े रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि ये वही लोग हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने के बिस्कुट तस्करी और हवाला नेटवर्क के जरिए करोड़ों का काला कारोबार किया है और अब कॉलोनाइज़र बनकर शहर की जमीन को अपने काले खेल का हिस्सा बना रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि SDA और प्रशासन की खामोशी ने इस पूरे मामले को संदिग्ध बना दिया है। योगीराज में ऐसे लोगों पर SDA की मेहरबानी को लेकर शहर में चर्चा जोरों पर है। जानकारों का मानना है कि यह कोई साधारण कॉलोनी नहीं है, बल्कि एक बड़ा स्कैम है जिसमें कई बड़े चेहरे भी शामिल हो सकते हैं। बताया जाता है कि यह वही कॉलोनी है जिसे पहले विपक्ष के एक बड़े नेता ने डेवलप कराया था और तभी SDA ने बुलडोजर कार्रवाई की थी। अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की तस्करी में शामिल लोग इसे दोबारा डेवलप कर रहे हैं और प्रशासन की खामोशी भ्रष्टाचार को हवा दे रही है।
स्थानीय निवासियों और समाजसेवियों का आरोप है कि इस कॉलोनी में नए मकान और ऑफिस खुलेआम बनाए जा रहे हैं, जबकि जमीन पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जा रही। प्लॉट बिक्री में बड़ी रकम का लेन-देन हो रहा है और स्थानीय प्रशासन सिर्फ तमाशा देख रहा है। इस काले कारोबार के पीछे जुड़े लोग इतने संगठित हैं कि उन्होंने पूरे इलाके में नकली दस्तावेज और अनुबंध के जरिए खरीददारों को बहकाना शुरू कर दिया है। इस कॉलोनी में जमीन की कीमतें सामान्य बाजार दर से कई गुना ज्यादा बिक रही हैं और यह साफ संकेत है कि करोड़ों रुपये का अवैध लेन-देन हो रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे अवैध प्रोजेक्ट न सिर्फ भूमि और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि शहर में कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार की संस्कृति को भी बढ़ावा देते हैं। स्थानीय लोग और सोशल एक्टिविस्ट प्रशासन से सवाल कर रहे हैं कि अगर SDA और सरकार ने पहले बुलडोजर कार्रवाई की थी तो अब क्यों इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। क्या प्रशासन और SDA भू-माफिया के दबाव में हैं या फिर भ्रष्टाचार की जड़ इतनी गहरी है कि कोई कदम उठाना संभव नहीं है?
सहारनपुर में इस तरह के अवैध निर्माण और प्लॉट बिक्री से शहर में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है। नागरिकों का कहना है कि भू-माफिया और अवैध कॉलोनाइज़र खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं और प्रशासन की खामोशी इस पूरे खेल को बढ़ावा दे रही है। सूत्रों की मानें तो इस परियोजना में कई बड़े शहर और राज्य के प्रभावशाली लोग भी शामिल हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो यह कॉलोनी सिर्फ अवैध मकानों का समूह नहीं रहेगी बल्कि करोड़ों रुपये के काले कारोबार का अड्डा बन जाएगी।
स्थानीय मीडिया, समाजसेवी और विशेषज्ञ अब प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि वे त्वरित और कड़े कदम उठाएँ। बुलडोजर कार्रवाई, अवैध दस्तावेजों की जांच, प्लॉट बिक्री पर रोक और कानून के तहत दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होना चाहिए ताकि भू-माफिया और अवैध कॉलोनाइज़र आगे अपने काले खेल को अंजाम न दे सकें। यह मामला न केवल भूमि और संपत्ति से जुड़ा है बल्कि पूरे शहर में भ्रष्टाचार और कानून की अवहेलना पर सवाल खड़े करता है।
✍️ रिपोर्ट: एलिक सिंह
संपादक – समृद्ध भारत समाचार पत्र एवं वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
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