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।। सिरप की काली कमाई के एक ऐसे महा-घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसे देखकर खुद ईडी के अधिकारी भी हैरान।।

।। 220 संचालकों के नाम पर 700 से अधिक फर्जी फर्में बनाई ।।

अजीत मिश्रा (खोजी)

उत्तर प्रदेश, गुजरात और झारखंड में 40 घंटे से अधिक चली प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ताबड़तोड़ छापेमारी ने कफ सिरप की काली कमाई के एक ऐसे महा-घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसे देखकर खुद ईडी के अधिकारी भी हैरान हैं।

15 दिसंबर 25, उत्तर प्रदेश।

अब तक मिले साक्ष्यों के मुताबिक, 220 संचालकों के नाम पर 700 से अधिक फर्जी फर्में बनाई गईं, जिनके जरिए अरबों रुपये की कमाई की गई। ईडी सूत्रों का दावा है कि उत्तर प्रदेश में इस तरह का संगठित और कदम-कदम पर किया गया फर्जीवाड़ा पहली बार सामने आया है, जिसने पूरे सिस्टम की पोल खोल दी है। ईडी जल्द ही इस काली कमाई से बनाई गई संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई शुरू करेगी।

⭐ कागजों पर बनी 700+ फर्जी कंपनियां:—

ईडी की 25 से अधिक ठिकानों पर हुई जांच में जो फर्जीवाड़ा सामने आया है, वह अविश्वसनीय है। जांच में पता चला है कि इन 700 से अधिक फर्मों में से अधिकतर सिर्फ कागजों पर ही मौजूद थीं। इन फर्मों में अधिकृत किए गए कई लोग भी केवल दस्तावेजों में ही पाए गए, यानी उनका जमीन पर कोई अस्तित्व नहीं था।

एक ईडी अधिकारी के मुताबिक, जिस तरह से हर कदम पर फर्जीवाड़ा किया गया, उसने सिस्टम की कमजोरियों को उजागर किया है। जांच में यह बात भी सामने आई है कि फेंसेडिल सिरप बनाने वाली कंपनी के कई अधिकारियों को इस अवैध धंधे की पूरी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने जानबूझकर चुप्पी साधे रखी। एसटीएफ के एएसपी लाल प्रताप सिंह ने अपनी पिछली जांच में भी इस बात का जिक्र किया था कि दवा कंपनी के कई अधिकारी भी कार्रवाई के दायरे में आएंगे।

⭐ ईडी की दस्तक से मास्टरमाइंडों में खलबली:—

एसटीएफ की जांच पूरी होने के बाद भी इस फर्जीवाड़े के मास्टर माइंड शुभम जायसवाल, पूर्व सांसद के करीबी आलोक सिंह और अमित टाटा खुद को बचाए रखने के लिए कई हथकंडे अपना रहे थे। जब एसटीएफ ने अमित और आलोक को गिरफ्तार किया था, तब भी वे कोर्ट में काफी निश्चिंत दिख रहे थे। लेकिन जैसे ही ईडी ने इस मामले में दखल दिया और आलोक, अमित तथा शुभम के ठिकानों पर छापा मारकर मनी लॉन्ड्रिंग के साक्ष्य जुटाने शुरू किए, पूरे खेमे में खलबली मच गई। ईडी की कार्रवाई ने उन्हें साफ संदेश दे दिया है कि अब उनके बचने की कोई गुंजाइश नहीं है।

⭐ खातों से संदिग्ध लेन-देन और नए नामों का खुलासा:—

ईडी सूत्रों का दावा है कि इस पूरे फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड, जो फिलहाल दुबई में छिपा है, शुभम जायसवाल, आलोक सिंह, अमित टाटा के अलावा शुभम के पिता भोला प्रसाद जायसवाल के बैंक खातों में कई बड़े संदिग्ध लेन-देन मिले हैं, जिनका पूरा ब्योरा नहीं मिल पाया है। इतना ही नहीं, फर्जी फर्मों के नाम से खोले गए खातों में भी कुछ लेन-देन ऐसे हैं जिनका आगे का कोई ब्योरा नहीं मिल रहा है। जांच में पता चला है कि रांची और धनबाद में भी कुछ फर्मों से बड़ी रकम का आदान-प्रदान हुआ है। ईडी इन सभी संदिग्ध लेन-देन का ब्योरा जुटा रही है। इसी आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में कई और नाम और कुछ और फर्जी फर्में सामने आ सकती हैं। ईडी जीएसटी विभाग से भी इन फर्मों की सूची मिलने का इंतजार कर रही है, जिससे जांच का दायरा और बढ़ेगा।

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