A2Z सभी खबर सभी जिले की

लोक सुनवाई बनी आदिवासियों के जी का जंजाल,प्रभावित आदिवासी ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन

शक्कर पेंच लिंक संयुक्त परियोजना के पहले चरण के प्रस्तावित बांध निर्माण के सम्बंध में दिनांक 1.7.2025 को प्रदूषण नियंत्रण मंडल लोक सुनवाई का आयोजन करने जा रहा है।हर्रई ब्लॉक के ग्राम कुकरेपानी में बनने वाले इस बांध में लगभग 10 गांव की जमीन डूब में आ रही है ज्ञात हो डूब से प्रभावित गांव अधिसूचित क्षेत्र है जो भारतीय संविधान की पांचवी अनुसूची में आते है ऐसे क्षेत्र में पेसा कानून का पालन होना चाहिये क्यो कि पेसा कानून का उद्देश्य ही आदिवासियों के हितों की रक्षा करने के लिए बना है। परन्तु वास्तविक स्थिति इसके विपरीत नजर आ रही है

इस लोक सुनवाई के आयोजन स्थल को लेकर ग्रामवासियों में आक्रोश है उनका कहना है कि लोक सुनवाई ग्राम पंचायत चोपना में रखी गई है जो उनके गांव से लगभग 10-20 कि मी. दूर पड़ता है तथा ग्राम चोपना की जमीन भी डूब में नही आ रही है।डूब क्षेत्र के किसानों को वैसे ही उनकी जमीन जाने का डर सता रहा है वो लोग अपने आप को भयभीत महसूस कर रहे है उन्हें 10-20 कि मी दूर बुला कर लोकसुनवाई करना उनको और भयभीत कर रहा है गांव वालों का कहना पड़ रहा है कि उन्होंने उच्च न्यायलय में अपनी पीड़ा को याचिका के माध्यम से दायर की है परंतु आज तक सम्मानीय उत्तरवादिगणो ने उनका जवाब दाखिल नही किया।

ग्राम वासियों को उनके क्षेत्र से लगे 390 हेक्टर जंगल डूबने का डर भी सता रहा है डूब में आ रहे ग्रामीणों ने इस बात पर चिंता जताई कि जंगल डूबने से उनके क्षेत्र का पर्यावरण बिगड़ जायेगा जंगल मे वास कर रहे वन्य प्राणी अपने मूल वासस्थल से पलायन कर रहवासी क्षेत्रो में प्रवेश करने के लिए मजबूर हो जायेगे और ऐसी स्थिति में वे उग्र होकर मवेशियों एवं ग्रामीणों पर हमला कर सकते है। ग्राम वासियों का कहना है कि अभी वह लोग शुद्ध वातावरण में रह रहे है इतना बड़ा जंगल नष्ट होने से वातावरण की शुद्धता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा तथा जलवायु में परिवर्तन होने से उनके स्वास्थ पर भी असर पड़ेगा।

ग्रामवासियों का कहना है कि ठेकेदार कम्पनी के बाहर से आये अधिकारी उनके ऊपर अनुचित प्रशासनिक दबाव बनाते हैं। ऐसे में लोक जनसुनवाई आदिवासियों‌ के लिए जी का जंजाल बनने जा रहीं हैं इसी तारतम्य में डूब प्रभावित ग्रामवासियों ने ज्ञापन सौंपा कर जन सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की है ज्ञापन सौपने वालो में ग्राम कुंडाली से राम प्रकाश धुर्वे, विष्णु धुर्वे, आशाराम इनवाती, , ग्राम सियाझिरी से मुनीम करवेति, हेतराम उइके,ग्राम- खाजरवानी से सुग्रीम, मंगलसी, हरिराम, ग्राम – कुकरेपानी से गेंदलाल, रामा आदि बड़ी संख्या में ग्रामीण जन भारी बरसात में लगभग 100 कि मी. की दूरी तय करके जिला मुख्यालय छिन्दवाड़ा में जिला मजिस्ट्रेट के नाम से 29 बिंदुओं पर ज्ञापन सौपे।

ई आई ए मामलों के जानकार समाज सेवी जितेंद्र सिंह चौहान ने इस मामले में अपने विचार व्यक्त किये कि ई आई ए नोटिफिकेशन के प्रावधानों को नजर अंदाज करके लोक सुनवाई का आयोजन करना एक प्रकार से स्वच्छ पर्यावरण पर प्रहार कहलाता है ग्रामीणों की मांग को मान कर लोक सुनवाई को स्थगित कर देना चाहिये।

Back to top button
error: Content is protected !!