डॉक्टर कलाम कृषि महाविद्यालय, द्वारा किशनगंज के कुपोषण उन्मुलन कार्यक्रम आयोजन किया गया|
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा चालाए गए अभियान ‘कुपोषण उन्मुलन कार्यक्रम के अन्तर्गत रायपुर पंचायत स्थित अर्राबाड़ी डॉ• कलाम कृषि महाविद्यालय, किशनगंज के अंगीकृत गाँव गनियाबाड़ी (पोठिया ब्लाक किशनगंज) मे पोषण जागरूकता कार्यक्रम आज दिनांक 31 जुलाई को आयोजित किया गया।
इस जागरूकता कार्यकम मे डॉ• कलाम कृषि महाविद्यालय के प्रचार्य डॉ• के सत्यनारायण, भोटा थाना पंचायत के मूखिया श्री मरगुब आलम, श्री अलीमूल इसलाम, विषय विशेषज्ञ (प्रसार), कृषि विज्ञान केन्द्र, किशनगंज, श्री अर्जुन कूमार राय, प्रधानाध्यापक सरकारी विद्यालय गनियाबाड़ी, अनसार अलाम, कृषि समन्वय, शुबि दास, कृषि सलाहकार एवं ग्प्रम के 60 किसान सम्मिलित हुए।
कार्यकम की शुरूआत मे डॉ• कलाम कृषि महाविद्यालय, के सहायक प्रधायपक डॉ• अरिनदम नाग ने सभा को सम्भोधित करते हुए कहा की कुपोषण का सबसे अधिक शिकार गाँव के गरीब परिवार के महिलाएं एवं बच्चे है। इसी क्रम में उन्होने कुपोषण उन्मुलन कार्यक्रम के बारे में समस्त जानकारीया किसानो के साथ साझा किया एवं बताया की सरकार का प्रयास है कि गाँव मे कुपोषण उन्मुलन किया जाय और इसका माध्यम ‘पोषण वटिका। महाविद्यालय के डॉ• धनश्याम ठाकूर (सहायक प्रध्यापक, सब्जी विज्ञान विभाग) ने आर्दश पोषण वटिका तथा दैनिक खान पान में आर्दश पोषण वटिका को महत्व पर प्रकाश डाले। उन्होने पोषण वटिका मे लगने वाले सब्जी तथा फलो की वैज्ञानिक खैती तथा उनके पोषण लाभ के बारे मे जानकारी दी।
कार्यक्रम में डॉ कलाम कृषि महाविद्यालय के प्रार्चाय ने 50 महिलाओ को सब्जी के बीज प्रदान किये। साथ ही साथ महिलाओ को सबोधित करते हुए उन्होने कहा की यदि गाँव के महिलाए अपनी सुविधा के अनुसार पोषण वटिका को निमार्ण कर सकते है तो वे कूपोषण से बच सकते है। कम से कम जगह मे भी तकनीकी की मदद से आर्दश पोषण वटिका का निमार्ण किया जा सकता है।जागरूकता अभियान के साथ-साथ किसान महिलाओ को पोषण वटिका के लिए कद्दू, लोबिया, भिंडी, फुलगोभी, खीरा, टमाटर, नेनूआ, बोरा के उन्नत बीज वितरण किया गया। इसका मुख्य उदेश्य कुपोषण को पोषण वटिका मे लगाये गये सब्जी व फलो के माध्यम से दूर करना है। इस कार्यकम मे बिहार सरकार द्वारा परिचालित कृषि ज्ञान वाहान द्वारा विभिन्न खैती के वैज्ञानिक पद्धति को विडियो के माध्यम से भी दिखाया गया।
इस जागरूक कार्यकम मे डॉ• शफी अफरोज, डॉ कृष्णा डी. के. डॉ• केविन किस्टोफर आदि भी मौजुद थे।