
महुली सोनभद्र (राकेश कुमार कन्नौजिया)_
राजा बरियार शाह खेल मैदान में चल रही ऐतिहासिक रामलीला के तीसरे दिन का मंचन भक्तिमय और रोमांचक रहा। मां काली की भव्य झांकी से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, जिसे देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। 🌿 ताड़का वध – अधर्म पर धर्म की जीत
कथा के अनुसार जब भगवान श्रीराम और लक्ष्मण गुरु विश्वामित्र के साथ तपोवन पहुंचे तो वहां ऋषि-मुनियों ने बताया कि ताड़का नामक राक्षसी अपने आतंक से यज्ञ और तपस्या को बार-बार नष्ट करती है।
गुरु विश्वामित्र ने राम को आदेश दिया—
“राम! यह राक्षसी धर्म और तप का शत्रु है। इसका वध करना ही धर्म की रक्षा है।”
राम ने गुरु आज्ञा का पालन करते हुए अपने धनुष पर बाण चढ़ाया। ताड़का ने विकराल रूप धारण कर आकाश से वृक्ष और पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। लक्ष्मण भी साथ में वीरता दिखाते रहे।
अंततः भगवान राम ने एक ही घातक बाण से ताड़का का वध कर धर्म की रक्षा की। इस दृश्य को देखकर पूरा मैदान “जय श्रीराम” के उद्घोष से गूंज उठा।
⚔️ सुबाहु और मारीच से युद्ध – राक्षसी शक्ति पर प्रहार
ताड़का वध के बाद कथा में आता है सुबाहु और मारीच का प्रसंग।
महर्षि विश्वामित्र ने यज्ञ आरंभ किया, तभी ताड़का के पुत्र सुबाहु और उसका साथी मारीच यज्ञ में विघ्न डालने पहुंचे। सुबाहु और मारीच ने भयंकर दहाड़ लगाई और यज्ञ मंडप की ओर दौड़े।
भगवान राम ने तुरंत बाण संधान किया। एक बाण से सुबाहु का वध कर दिया गया, जबकि मारीच पर प्रहार कर उसे समुद्र पार दूर फेंक दिया। यह दृश्य इतना जीवंत रहा कि दर्शक तालियों से गूंज उठे।
संदेश स्पष्ट था— अधर्म चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, धर्म की विजय निश्चित है।
🌸 अहिल्या उद्धार – भक्ति और करुणा का संदेश
इसके बाद मंचन हुआ अहिल्या उद्धार का प्रसंग। वर्षों से शापित होकर पत्थर बनी अहिल्या का उद्धार भगवान श्रीराम के चरण स्पर्श से हुआ। अहिल्या की करुण कथा और राम की करुणामयी दृष्टि ने दर्शकों की आंखें नम कर दीं।
🎭 दर्शकों की भीड़ और जयकारे
मंचन को देखने हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। जैसे-जैसे कथा आगे बढ़ती गई, दर्शकों की तालियां और “जय श्रीराम” के उद्घोष गूंजते रहे।
इस अवसर पर रामलीला समिति के अध्यक्ष अरविंद जायसवाल सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि रामलीला केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि जीवन को सत्य, धर्म और त्याग की राह पर ले जाने वाली प्रेरणा है।
अंत में पूरा मैदान “जय श्रीराम” और “हर-हर महादेव” के नारों से गूंज उठा।