

बलौदाबाजार, 4 दिसम्बर 2015/ अधिवक्ता संघ भाटापारा द्वारा बुधवार को व्यवहार न्यायालय परिसर, भाटापारा में व्यवहार न्यायालय भाटापारा का 20 वाँ स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की गरिमामयी उपस्थिति ने समारोह को विशेष भव्यता एवं महत्व प्रदान किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। कार्यक्रम में न्यायमूर्ति श्री राकेश मोहन पाण्डेय की गरिमामयी उपस्थिति रही।
भाटापारा व्यवहार न्यायालय के 20 वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने अपने उद्बोधन में न्यायपालिका एवं अधिवक्ता समुदाय की भूमिका पर गहन और प्रेरक विचार व्यक्त किया। मुख्य न्यायाधीश ने इस अवसर को केवल औपचारिक आयोजन न बताते हुए कहा कि यह “सामूहिक यात्रा, साझा मूल्यों और विधिक समुदाय की अटूट भावना का उत्सव है।” उन्होंने बार एवं बेंच के संतुलित संबंध को न्याय व्यवस्था की आधारशिला बताते हुए कहा कि जब दोनों संस्थाएँ सौहार्द और परस्पर सम्मान के साथ कार्य करती हैं, तभी न्याय प्रणाली विश्वास एवं स्पष्टता के साथ आगे बढ़ती है। उन्होंने भाटापारा बार एसोसिएशन की स्थापना से लेकर आज तक की प्रगति को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि एसोसिएशन ने अधिवक्ताओं के व्यावसायिक उत्थान, मार्गदर्शन, नैतिकता और अनुशासन को सदैव प्राथमिकता दी है।
मुख्य न्यायाधीश ने विशेष रूप से युवा अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि “आपके तर्क मुकदमे तो जिता सकते हैं, लेकिन आपकी ईमानदारी ही न्याय व्यवस्था में स्थायी विश्वास अर्जित करती है। अनुशासन, विनम्रता और निरंतर सीखने की भावना ही आपको इस पवित्र पेशे में सफलता दिलाएगी।” वरिष्ठ अधिवक्ताओं के अनुभव को उन्होंने “प्रकाशस्तंभ” की उपमा देते हुए कहा कि अगली पीढ़ी इन्हीं के मार्गदर्शन से अपने पेशेवर जीवन की दिशा तय करती है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी बार एसोसिएशन की वास्तविक शक्ति उसकी संख्या में नहीं, बल्कि उसकी एकता, पेशेवर आचरण और न्याय के प्रति उसकी निष्ठा में होती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भाटापारा बार एसोसिएशन आगे भी समाज सेवा, निष्पक्षता और विधिक उत्कृष्टता का प्रतीक बनी रहेगी।
मुख्य न्यायाधीश ने भाटापारा व्यवहार न्यायालय की न्यायिक प्रगति का उल्लेख करते हुए बताया कि 3 दिसंबर 2005 को भाटापारा सिविल कोर्ट का उद्घाटन हुआ था, वर्तमान में भाटापारा बार एसोसिएशन अधिवक्ताओं की संख्या 163 सदस्यों तक पहुँच चुकी है। प्रारंभ में सिविल जज जूनियर डिवीजन एवं एडीजे न्यायालय की स्थापना हुई, बाद में सिविल जज सीनियर डिवीजन और अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश न्यायालय की स्थापना की गई। मुख्य न्यायाधीश महोदय ने अपने उद्बोधन में कहा कि 06 नवंबर2025 को छः नए न्यायालय कक्षों के निर्माण हेतु शिलान्यास किया गया, जो क्षेत्र की न्यायिक आवश्यकताओं को देखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम है। माननीय मुख्य न्यायाधीश द्वारा सभी को भाटापारा व्यवहार न्यायालय की स्थापना दिवस की बधाई दी गई है।
इस अवसर पर न्यायमूर्ति राकेश मोहन पाण्डेय द्वारा मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति श्री रमेश सिन्हा के उत्कृष्ट नेतृत्व, दूरदृष्टि और उनके कार्यकाल में न्यायिक प्रशासन में आई ऐतिहासिक प्रगति को रेखांकित करते हुए महत्वपूर्ण बातें साझा की। न्यायमूर्ति राकेश मोहन पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में बताया कि 29 मार्च 2023 को मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने न्यायिक कार्यों की गति को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया है जहाँ उनके पदभार ग्रहण करते समय उच्च न्यायालय में लगभग 95,000 प्रकरण लंबित थे और मुख्य न्यायाधीश के कुशल नेतृत्व और सतत् प्रयासों से वर्तमान में यह संख्या घटकर 78,000 रह गई है जो कि महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
न्यायमूर्ति राकेश मोहन पाण्डेय ने विस्तृत रूप से बताया कि मुख्य न्यायाधीश महोदय के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ की न्यायिक अवसंरचना में जितनी प्रगति हुई है, उतनी प्रगति पिछले दो दशकों में नहीं हुआ। उनके द्वारा बताया गया कि न्यायाधीश महोदय के कार्यकाल में उच्च न्यायालय में 7 नई कोर्ट बिल्डिंग, 80 आवासीय परिसर और 8 अन्य महत्वपूर्ण निर्माण समेत 95 निर्माण कार्य हुए है। जिला न्यायपालिका में 26 कोर्ट बिल्डिंग का निर्माण प्रारंभ हुआ जिसमें से कुछ पूर्ण हो चुकी हैं, कुछ निर्माणाधीन हैं और कुछ का हाल ही में शिलान्यास किया गया है। इसी तरह न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए 24 स्थानों पर आवासीय परियोजनाएँ स्वीकृत है कुछ जगहों पर कार्य पूर्ण हो चुका, कुछ जगहों पर कार्य चल रहा है। न्यायमूर्ति राकेश मोहन पाण्डेय ने कहा कि “पिछले ढाई वर्षों में जितना निर्माण कार्य हुआ है, उतना पूरे 22 वर्षों में नहीं हुआ था। यह मुख्य न्यायाधीश महोदय की कार्यकुशलता, दूरदृष्टि और न्यायपालिका के विकास के प्रति समर्पण का स्पष्ट प्रमाण है।”
कार्यक्रम की शुरुआत श्री जी.डी. मानिकुपरी वरिष्ठ अधिवक्ता भाटापारा के स्वागत भाषण से हुई और समापन श्री अनिल मिश्रा अध्यक्ष अधिवक्ता संघ भाटापारा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। इस कार्यक्रम में रजिस्ट्रार जनरल
श्री रजनीश श्रीवास्तव , प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बलौदाबाजार-भाटापारा तथा जिला बलौदाबाजार एवं भाटापारा के न्यायिक एवं प्रशासनिक अधिकारीगण, अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारी और इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के प्रतिनिधि शामिल थे।









