
गरियाबंद जिले के मैनपुर के मटाल जंगल में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ में 1 करोड़ का इनामी नक्सली मनोज उर्फ बालकृष्ण समेत 10 नक्सली मारे जाने की खबर है। यह कार्रवाई E-30, STF और कोबरा बटालियन की संयुक्त टीम द्वारा की गई।
गरियाबंद 11 सितंबर 2025।छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। मैनपुर के मटाल जंगल में चल रही मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 10 नक्सलियों को मार गिराने में सफलता हासिल की है। मारे गए नक्सलियों में 1 करोड़ का इनामी नक्सली मनोज उर्फ बालकृष्ण भी शामिल बताया जा रहा है। मनोज नक्सलियों की सीसी (सेंट्रल कमेटी) का मेंबर था और वह कई बड़ी नक्सली वारदातों का मास्टरमाइंड माना जाता था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह मुठभेड़ आज सुबह शुरू हुई जब गरियाबंद की E-30 टीम, स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और कोबरा बटालियन की संयुक्त टीम को खुफिया सूचना मिली कि मैनपुर क्षेत्र के मटाल जंगल में नक्सलियों का जमावड़ा है। इसके बाद सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया और नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने कई नक्सलियों को ढेर कर दिया।
संयुक्त कार्रवाई का बड़ा परिणाम
सूत्रों के अनुसार, मुठभेड़ में कम से कम 6 से अधिक नक्सलियों के मारे जाने की प्रारंभिक पुष्टि हुई है, जबकि संख्या 10 तक पहुंचने की संभावना है। मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और नक्सली सामग्री बरामद की गई है। हालांकि, पुलिस और प्रशासन की ओर से अभी तक आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है।
मनोज उर्फ बालकृष्ण का सफाया
मारे गए नक्सलियों में मनोज उर्फ बालकृष्ण का नाम सबसे प्रमुख है। मनोज पर राज्य और केंद्र सरकार ने कुल 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। वह लंबे समय से सुरक्षा बलों के लिए सिरदर्द बना हुआ था और छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र की सीमा पर कई बड़ी नक्सली घटनाओं में उसकी भूमिका रही है।
मुठभेड़ अभी भी जारी
मौके से मिली जानकारी के मुताबिक, मुठभेड़ अभी भी जारी है और सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है। आसपास के क्षेत्रों में अतिरिक्त बल भेजा गया है ताकि कोई भी नक्सली भागने न पाए। गरियाबंद पुलिस अधीक्षक और वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल की ओर रवाना हो चुके हैं। आधिकारिक बयान आने के बाद मारे गए नक्सलियों की सटीक संख्या और बरामद हथियारों का विवरण स्पष्ट होगा।यह मुठभेड़ नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता मानी जा रही है और इससे क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों को बड़ा झटका लगने की संभावना है।