
*श्राद्ध पक्ष विशेष*
🍂देवलोक से बड़ा पितृलोक होता है।
🚩भगवान राम ने भी अपने पिता का श्राद्ध किया है ।आप हम सब को श्राद्ध करना जरुरी है ।
गया के रूद्रपदतीर्थ में
रामजी द्ववारा पिण्डदान
नारद पुराण में आया है कि भगवान राम जब पितृतीर्थ गयाजी के रूद्रपद मे आकर पिता आदि को पिण्डदान करने लगे तो उसी समय पिता दशरथ स्वर्ग से हाथ फैलाये हुए वहाँ आये । किन्तु श्रीरामजी ने उनके हाथ में पिण्ड नही दिया।शास्त्र की आज्ञा कि उल्लंघन न हो जाय,इसलिये उन्होने रूद्रपद पर ही पिण्ड को रखा।
तब दशरथजी ने कहा
पुत्र ! तुमने मुझे तार दिया। रूद्रपद पर पिण्ड देने से मुझे रूद्रलोक की प्राप्ति हुई है। तुम चिरकाल तक राज्य का शासन, अपनी प्रजा का पालन तथा दक्षिणा सहित
यज्ञों का अनुष्ठान करके अपने विष्णु लोक जाओगे।
तुम्हारे साथ अयोध्या के सब लोग कीड़े मकोड़े तक वैकुण्ठधाम जायेगे ।श्रीराम से ऐसा कहकर राजा दशरथ उत्तम रूद्रलोक को चले गये ।रामजी ने पिण्डदान की प्रक्रिया पूर्णकर परम संतोष प्राप्त किया ।
पंडित बी एन व्यास उज्जैन





