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मंडला MP हेमंत नायक महाराजपुर
168वां बलिदान दिवस — 18 सितम्बर 2025
मण्डला:–1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में गोंडवाना साम्राज्य के पराक्रमी राजा शंकर शाह और उनके एकलौते पुत्र कुँवर रघुनाथ शाह का योगदान इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। 18 सितम्बर 1857 को जबलपुर में दोनों को अंग्रेजों ने तोपों से बाँधकर वीरगति दी। इस सर्वोच्च बलिदान की आज 168वीं पुण्यतिथि है।
राजा शंकर शाह का जन्म 1789 में राजा सुमेर शाह के घर हुआ। युवावस्था से ही वे शस्त्रकला में निपुण थे। पिता की मृत्यु के बाद वे गोंडवाना राज्य (जबलपुर-मण्डला क्षेत्र) के राजा बने। उनके पुत्र कुँवर रघुनाथ शाह भी साहसी एवं देशभक्त थे।
जब 1817 में अंग्रेजों ने भोंसलों से जबलपुर छीन लिया और शंकर शाह के दावे को अस्वीकार कर दिया, तब से उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष शुरू कर दिया। 1857 की क्रांति में उन्होंने अपने पुत्र रघुनाथ शाह के साथ सक्रिय भूमिका निभाई। दोनों पिता-पुत्र ओजस्वी कवि भी थे, जो अपनी कविताओं से जनमानस को अंग्रेजों के विरुद्ध प्रेरित करते थे।
अंग्रेज डिप्टी कमिश्नर लेफ्टिनेंट क्लार्क को उनकी योजना की भनक लगते ही 14 सितम्बर 1857 को उन्हें जबलपुर में गिरफ्तार कर लिया गया। हवेली से मिली देशभक्ति की कविताओं को आधार बनाकर दोनों पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया।
कारावास के दौरान अंग्रेजों ने धर्म-परिवर्तन और संधि की शर्त रखी, परन्तु उन्होंने अस्वीकार कर दिया। अंग्रेजों को भय था कि जनता विद्रोह कर देगी, इसलिए मात्र चार दिनों में ही उन्हें तोपों से बाँधकर उड़ा देने की सजा सुनाई गई।
18 सितम्बर 1857 को जबलपुर एजेंसी हाउस के सामने विशाल जनसमूह के बीच दोनों पिता-पुत्र ने माता कालिका की वंदना करते हुए अपने क्रांतिकारी छंद गाए, भारत माता के जयकारे लगाए और गर्व से हंसते-हंसते वीरगति को प्राप्त हुए।
उनकी शहादत से क्रांति की ज्वाला और भड़क उठी। जबलपुर की 52वीं रेजिमेंट के सैनिकों ने विद्रोह कर दिया और यह लहर मंडला, दमोह, सिवनी, नरसिंहपुर और रामगढ़ तक फैल गई।
आज जबलपुर उच्च न्यायालय के समीप उस स्थान पर एक भव्य स्मारक स्थापित है, जहाँ उन्हें तोपों से बाँधा गया था। प्रत्येक वर्ष 18 सितम्बर को वहाँ उनका बलिदान दिवस मनाया जाता है।
गोंडवाना के इन अमर शहीदों ने यह सिद्ध कर दिया कि मातृभूमि की रक्षा ही सच्चा धर्म है। उनका बलिदान गोंड आदिवासी समाज ही नहीं, सम्पूर्ण देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
इस 18 सितम्बर 2025 को उनके 168वें बलिदान दिवस पर समस्त देशवासी वीर राजा शंकर शाह और कुँवर रघुनाथ शाह को शत्-शत् नमन एवं श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
— अशोक कुमार शाह
(आई.पी.एम., पी.पी.एम.)
पूर्व सहायक महानिरीक्षक (एस.पी.जी.), महानिरीक्षक एवं राष्ट्रीय महासचिव।
अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ, नई दिल्ली।