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मुहम्मदाबाद। रेवेन्यू बार एसोसिएशन मुहम्मदाबाद की एक महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को तहसील स्थित अधिवक्ता भवन में आयोजित हुई। बैठक में तहसील के न्यायालयों में लगातार बढ़ रहे भ्रष्टाचार, अव्यवस्थाओं और न्यायिक प्रक्रियाओं में हो रही अनियमितताओं को लेकर अधिवक्ताओं ने कड़ा रोष व्यक्त किया। इसी विरोध स्वरूप अधिवक्ता शुक्रवार को न्यायिक कार्य से विरत रहे।
बैठक में अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि नायब तहसीलदार न्यायालयों में लंबित पत्रावलियों को बिना किसी सूचना या कारण बताए तहसीलदार न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया जा रहा है। इस मनमानी के चलते एकतरफा आदेश पारित किए जा रहे हैं। आदेश पारित होने के बाद भी संबंधित पत्रावलियां महीनों तक उपलब्ध नहीं कराई जातीं, जिससे अपील दायर करने में गंभीर बाधा उत्पन्न होती है।
अधिवक्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि पत्रावलियों के मुआयने तथा नकल निर्गत करने की प्रक्रिया में जानबूझकर देरी की जाती है। इतना ही नहीं, निजी व्यक्तियों की ओर से अवैध वसूली की शिकायतें भी सामने आती रहती हैं, जिससे न्यायिक कार्य प्रभावित होने के साथ जनता भी परेशान होती है।
बैठक में इस मुद्दे पर गहन चर्चा के बाद दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए—
1. पहला प्रस्ताव: यदि भ्रष्टाचार और अव्यवस्थाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक नहीं लगाई गई, तो बार एसोसिएशन तहसीलदार न्यायालय के विरुद्ध अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करने को बाध्य होगा।
2. दूसरा प्रस्ताव: रेवेन्यू बार एसोसिएशन के सभी सदस्य 21 नवंबर को न्यायिक कार्य से पूर्णतः विरत रहेंगे।
बैठक में काशीनाथ यादव, मंगला यादव, जयनारायण यादव, विरेंद्र सिंह, कमरुद्दीन अंसारी, दिनेशचंद्र श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित रहे। बैठक की अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील कुमार राय ने की, जबकि संचालन सचिव जयराम तिवारी ने किया।
अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही न्यायालयों में पारदर्शिता एवं सुशासन सुनिश्चित नहीं किया गया, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।





