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जल स्त्रोतों के पुनर्जीवन के लिए सभी को होना होगा एकजुट- राज्यमंत्री

सतना : मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि प्रदेश में जल स्त्रोत के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु “जल-गंगा संवर्धन“ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिये सभी नागरिकों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि जल स्त्रोतों के पुनर्जीवन के लिए सभी नागरिकों को एकजुट होकर समन्वित प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारे आसपास में जो तालाब हैं, वह हमारे पूर्वजों के समय जल से लबालब भरे रहते थे, परंतु अब स्थिति ऐसी है कि तालाबों का पानी गर्मी से पहले ही सूख जाता है। हमें तालाब को सहेजने की आवश्यकता है, जिससे हमें पर्याप्त मात्रा में पानी प्राप्त हो सके। हम सभी को मिलकर प्रयत्न करना होगा कि तालाबों में पानी हमेशा भरा रहे, यह अभियान का महत्वपूर्ण उद्देश्य है। नगरीय विकास राज्यमंत्री प्रतिमा ने जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए चलाये जा रहे जल-गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत शनिवार को सतना के अमौधा तालाब में आयोजित सफाई कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर महापौर सतना योगेश ताम्रकार, कलेक्टर अनुराग वर्मा, स्पीकर नगर निगम राजेश चतुर्वेदी, आयुक्त नगर निगम शेर सिंह मीना, उपायुक्त भूपेंद्र देव परमार सहित वार्ड पार्षद एवं स्थानीयजन उपस्थित रहे।
जल गंगा अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि जो हमारे चारों ओर फलदार पेड़ हैं, वह हमारे पुरखों ने लगाए थे और उसका फल आज हम प्राप्त कर रहे हैं। इसी प्रकार हम ऐसा कार्य करें जिसका लाभ हमारी आने वाली पीढ़ी को प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि नदी और तालाब हमारे सुख-दुख के साथी हैं। घर में चाहे सुख का कार्य हो, या दुख का कार्य हो, हमेशा तालाब और वृक्ष के बिना कोई भी कार्य पूर्ण नहीं होता है। जल एवं वृक्ष हमारे सामाजिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक धरोहर है, इनका संरक्षण हमारा परम कर्तव्य है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महापौर योगेश ताम्रकार ने कहा कि मानव प्रजाति ने जल एवं जंगल जैसे प्राकृतिक संसाधनों को इतना दोहन किया है कि आज इतनी भीषण गर्मी का परिणाम हम सबको भुगतना पड़ रहा है। हम सभी को जल और जंगल के प्रति जागरूक होना पड़ेगा, क्योंकि यह हमारे सुख एवं दुःख के साथी हैं। इन्हीं संसाधनों से हमारा आज और कल का भविष्य जुड़ा हुआ है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी नागरिक शासन के इस महत्वपूर्ण अभियान से जुड़े। अभियान में अपनी सहभागिता निभाते हुये जल स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा कि जल है तो कल है, जल है तो जीवन है। प्रदेश शासन द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण एवं संवर्धन का महत्वपूर्ण प्रयास किया जा रहा है। इस अभियान में हम सभी की भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नदियां देश एवं प्रदेश की जीवन दायनी नदियां है। नदियों में जल हमेशा कल कल बहता रहे, इसलिए नदियों को भी साफ एवं स्वच्छ रखना हमारी जिम्मेदारी है।
*पर्यावरण संरक्षण के लिये पेंड़ भी हैं जरुरी- राज्यमंत्री*
जल गंगा अभियान के तहत अमौधा तालाब की साफ-सफाई के बाद तालाब परिसर में पौधारोपण भी किया गया। राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि पर्यावरण दिवस पर शुरू किए गए जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत प्रदेश भर में जल-स्रोतों के संरक्षण और साफ-सफाई के साथ-साथ व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जा रहा है। जीवन के लिये जितना जरुरी जल है, उतने ही जरुरी पेंड़ हैं। हर व्यक्ति को अपने जीवन में पेड़ लगाने चाहिये, उन पेड़ों की परवरिश अपने बच्चों की तरह करें। उन्होंने कहा कि सभी यह संकल्प लें कि हम पेड़ अवश्य लगायेंगे। पेड़ नहीं लगायेंगे तो यह भूमि रेगिस्तान बनती जायेगी। उन्होंने कहा कि पेड़ लगे होंगे तो बरसात भी होगी और हरियाली भी रहेगी। तालाब परिसर में महापौर योगेश ताम्रकार, कलेक्टर अनुराग वर्मा ने पौधे रोपित किये।

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