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मुसलमानों की बदहाली के पीछे सबसे बड़ी वजह उनकी जिहालत है,
पीरे तारीक़त रहबरे शरीयत, ख़लीफए शैखुल इस्लाम हज़रत मौलाना जाफ़र उल क़ादरी अशरफी,
गोंडा गुज़िश्ता शब एक इजलास बनाम तालीमी बेदारी कांफ्रेंस का आयोजन सर ज़मीन सिंगहा चंदा तरबगंज में किया गया, जिसका संचालन मशहूर लेखक एवं इस्लामिक विद्वान मौलाना जमाल अख़्तर सदफ गोंडवी ने की,
प्रोग्राम की अध्यक्षता पीरे तारीक़त हज़रत मौलाना जाफरुल क़ादरी अशरफी ने की,
पीरे तारीक़त हज़रत मौलाना जाफरुल क़ादरी अशरफी ने अपने संबोधन में लोगों से कहा शिक्षा जीवन का मुख्य अंग है,
बगैर तालीम के इंसान का जीवन अधूरा रह जाता है,
उन्होंने ये भी कहा कि समाज की खुशहाली और विकास की राह शिक्षा के दरवाजे से होकर गुजरती है।
हर मुश्किल बर्दाश्त करें लेकिन अपने बच्चों को ज़रूर पढ़ाएं, हमारी जिहालत का नतीजा है कि आज मुसलमान शिक्षा के मैदान में दलितों से भी पीछे हो गया है।
मुफ़्ती उसामा साहब ने तालीम पर जबरदस्त बयान किया, और मौलाना रेहान रज़ा साहब ने सामाजिक जीवन एवं दीन दोनों पर बयान किया और लोगों को बेहतरीन इंसान बनने की नसीहत की,
उन्होने कहा अगर मुसलमान सच बोलना और हलाल खाना सीख जाएं तो उनकी ज़िंदगी सबसे बेहतरीन ज़िन्दगी बन जाएगी।
कारी मोहर्रम अली ने इसलाम की सदाक़त पर बेहतरीन खिताब किया,
बच्चों ने इस्लामी सवाल ओ जवाब के सेशन में भाग लिया और कमेटी वालों की तरफ से बच्चों को इनाम दिया गया,
वहीं पर बाहर से आने वाले मेहमान उलामा को भी अवार्ड दिया गया,
पीरे तारीक़त रहबरे शरीयत हज़रत अल्लामा मौलाना जाफरुल क़ादरी अशरफी (नाज़िम बस्तवी) की खिदमत में हुसैनी कमेटी वालों ने इमाम अहमद रज़ा अवार्ड पेश किया,
मुफ़्ती उसामा साहब उसताज़ तनवीरुल इस्लाम अमर डोभा बस्ती की खिदमत में कमेटी वालों ने शैखुल इस्लाम अवार्ड पेश किया,
मुफ़्ती रेहान रज़ा अशरफी साहब को अशरफी अवार्ड और मौलाना कारी मोहर्रम अली साहब को ताजुश शरिया अवार्ड से सम्मानित किया गया,
मौलाना जमाल अख्तर सदफ साहब को चिश्ती अवार्ड से सम्मानित किया गया,,
बस्ती से आये हुए मेहमान ख़तीब मुफ़्ती उसामा साहब हज़रत मौलाना रेहान रज़ा साहब हज़रत मौलाना मुहर्रम अली साहब शायरे इस्लाम जनाब इश्तियाक नेपाली साहब, शायरे इस्लाम जनाब अहमद रज़ा इस्माइली साहब शायरे इस्लाम जनाब हामिद रज़ा नूरी साहब , शायरे इस्लाम जनाब जमालुद्दीन गोंडवी साहब, शायरे इस्लाम जनाब अहमद रज़ा गोंडी साहब, कारी फखरे आलम साहब ख़तीब ओ इमाम चिल्दहा , समेत दर्जनों ओलमा ने इस प्रोग्राम में शिरकत किया,
इस मौके पर प्रयोग के संयोजक पीरे तारीक़त रहबर ए शरीयत ख़लीफए हुज़ूर शैखुल इस्लाम हज़रत मौलाना जाफरुल क़ादरी साहब अशरफी साहब ने लोगों का शुक्रियः अदा किया और सलाम ओ दुवा पर जलसे का इख़्तिताम हुवा,