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पश्चिम बंगाल में फाइनेंशियल ब्रेकडाउन, राज्यपाल ने इमरजेंसी कैबिनेट बुलाने और श्वेत पत्र जारी करने की CM ममता से की मांग

कौशिक नाग-कोलकाता                                                                                                                                                 पश्चिम बंगाल में फाइनेंशियल ब्रेकडाउन, राज्यपाल ने इमरजेंसी कैबिनेट बुलाने और श्वेत पत्र जारी करने की CM ममता से की मांग

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सीएम ममता के खिलाफ मानहानि का मामला दायर करने के ऐलान के बाद अब राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर हमला बोला है. राज्यपाल ने कहा है कि राज्य की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से चरमरा गयी है. उन्होंने सीएम ममता बनर्जी के इमरजेंसी कैबिनेट बुलाकर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की. राज्यपाल ने शनिवार को दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक की. फिर राज्यपाल ने एक्स हैंडल पर लिखा, ‘पश्चिम बंगाल में फाइनेंशियल ब्रेकडाउन की स्थिति है. राज्यपाल बोस ने राज्य कैबिनेट की आपात बैठक बुलाने और श्वेत पत्र जारी करने की मांग की. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात के बाद राज्यपाल का यह संदेश काफी अहम माना जा रहा है.
राजभवन सूत्रों के मुताबिक, राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ बैठक में कई सुझाव दिये. बोस ने राज्यों में विभिन्न विकास परियोजनाओं, विशेषकर केंद्र सरकार की परियोजनाओं के कार्यान्वयन की नियमित अंतराल पर निगरानी करने का प्रस्ताव रखा. राज्यपाल ने ट्वीट किया कि नई दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए आय सृजन करने वाले आर्थिक विकास कार्यक्रमों को लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया. मत्स्य पालन के विकास के लिए एक विस्तृत कार्य योजना उचित कार्रवाई और बजट में शामिल करने के लिए सीतारमण को रिपोर्ट सौंपी गई.
बयान में कहा गया है कि यह रिपोर्ट मूल रूप से डॉ. बोस द्वारा भारत सरकार के श्रम सलाहकार बोर्ड के श्रम पर एक सदस्यीय आयोग के रूप में संकलित की गई थी. दोनों ने संघीय व्यवस्था में राज्यपाल की उभरती भूमिका पर भी विस्तार से चर्चा की. राज्यपाल ने राज्य में विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन की समय-समय पर निगरानी करने का प्रस्ताव रखा है, खासकर उन परियोजनाओं की जो केंद्र प्रायोजित योजनाओं के अंतर्गत आती हैं. बयान में यह कहा गया है कि राज्यपाल से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वह भारत के संविधान के अनुच्छेद 167 के अनुसार राज्य प्रशासन के वित्त और अन्य पहलुओं पर निगरानी रखने की भूमिका निभाएगा. डॉ. बोस ने राज्य के विकास प्रशासन में उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदमों की रूपरेखा प्रस्तुत की.
उन्होंने राज्य के वित्तीय प्रबंधन का एक आलोचनात्मक विश्लेषण मुख्यमंत्री को भेजने का प्रस्ताव रखा. साथ ही इसे मंत्रिपरिषद के समक्ष रखने का निर्देश दिया। डॉ. बोस ने पश्चिम बंगाल सरकार से राज्य के वित्त पर एक श्वेत पत्र की भी मांग की. इससे पहले बीजेपी खेमा बंगाल में विभिन्न केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को लेकर कई शिकायतें उठा चुका है. इससे पहले, राज्य में विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की जांच के लिए दिल्ली से एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल भी भेजा गया था. राज्य सरकार और राज्य का सत्तारूढ़ खेमा कई बार इसकी आलोचना कर चुका है. इन सबके बीच राज्य की वित्तीय स्थिति को राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ममता सरकार पर हमला बोला है.

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