

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हुई हिंसक घटनाओं को लेकर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दबाव के बीच यूनुस सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। सरकार ने हिंदुओं के घरों में आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा में शामिल आरोपियों की पहचान व गिरफ्तारी के लिए इनाम घोषित करने की घोषणा की है।
हाल के सप्ताहों में कई क्षेत्रों से हिंदू परिवारों के घर जलाए जाने, संपत्ति नष्ट किए जाने और भय का माहौल बनाए जाने की खबरें सामने आई थीं। इन घटनाओं को लेकर मानवाधिकार संगठनों, सामाजिक संस्थाओं और विभिन्न देशों ने चिंता जताते हुए बांग्लादेश सरकार से ठोस कार्रवाई की मांग की थी।
सरकारी प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि “कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। हिंसा फैलाने वालों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इनाम की राशि सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखते हुए दी जाएगी।
सरकार ने संबंधित जिलों के प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें, पीड़ित परिवारों को तत्काल राहत प्रदान करें और नुकसान का आकलन कर मुआवजे की प्रक्रिया शुरू करें।
इस बीच, विपक्षी दलों और अल्पसंख्यक संगठनों ने सरकार की कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा है कि केवल घोषणाओं से नहीं, बल्कि त्वरित गिरफ्तारी और न्यायिक कार्रवाई से ही पीड़ितों में भरोसा बहाल होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बढ़ती आलोचना और देश के भीतर जनदबाव के कारण सरकार को यह कदम उठाना पड़ा है। अब सभी की नजर इस बात पर है कि घोषणाओं के बाद ज़मीन पर कार्रवाई कितनी तेज़ और प्रभावी होती है।






