
बाड़मेर | विशेष रिपोर्ट
जल संरक्षण के क्षेत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से बाड़मेर जिला प्रशासन को मिला 2 करोड़ रुपए का “प्रथम जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार” अब विवादों के घेरे में आ गया है। सोशल मीडिया पर सामने आए आरोपों के बाद जिले में प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है।
सोशल प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि पुरस्कार के लिए प्रस्तुत आंकड़ों में हेरेफेरी, डुप्लीकेट फोटो और एक ही फोटो को कई कार्यों में उपयोग कर कार्यों की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई गई।
दिल्ली में राष्ट्रपति से मिला था सम्मान
18 नवंबर 2025 को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी को यह पुरस्कार प्रदान किया था।
पुरस्कार का आधार जल संचय जन भागीदारी कार्यक्रम के तहत जिले में 79 हजार से अधिक जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण और जन सहभागिता को बताया गया था।
सोशल मीडिया आरोपों के बाद कलेक्टर की प्रेस कॉन्फ्रेंस
मामले के तूल पकड़ने के बाद मंगलवार शाम जिला कलेक्टर टीना डाबी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोपों को भ्रामक और तथ्यहीन बताया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर जिन स्क्रीनशॉट और फोटो को आधार बनाकर सवाल उठाए जा रहे हैं, वे दो अलग-अलग सरकारी कार्यक्रमों को आपस में जोड़कर भ्रम फैलाने का प्रयास हैं।
JSJB और CTR अलग-अलग कार्यक्रम
कलेक्टर टीना डाबी ने स्पष्ट किया कि —
JSJB (जल संचय जन भागीदारी) वह कार्यक्रम है, जिसके तहत बाड़मेर को राष्ट्रपति पुरस्कार मिला जबकि सोशल मीडिया पर दिखाए गए फोटो जल शक्ति अभियान – कैच द रेन (JSA-CTR) पोर्टल के हैं
“बिना किसी आधार के दोनों अलग-अलग पोर्टल और योजनाओं को लिंक किया जा रहा है, जिससे गलत निष्कर्ष निकाले जा रहे हैं” — टीना डाबी
तीन ब्लॉकों में फोटो अपलोड की जांच जारी
हालांकि कलेक्टर ने यह भी स्वीकार किया कि —
धोरीमन्ना, चौहटन और बाड़मेर ग्रामीण ब्लॉकों में CTR पोर्टल पर कुछ कार्यों में एक ही फोटो गलती से कई बार अपलोड की गई है
उन्होंने कहा कि —
“इसकी जांच करवाई जा रही है। यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी।”
आंकड़ों पर भी उठे सवाल
JSJB पोर्टल पर दर्शाए गए आंकड़ों के अनुसार —
पूर्ण कार्य: 79,055
प्रगतिरत कार्य: 12,477
कुल कार्य: 91,532
इन्हीं आंकड़ों के आधार पर बाड़मेर जिले को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया था, लेकिन अब इन्हीं पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जांच के नतीजों पर टिकी निगाहें फिलहाल जिला प्रशासन का कहना है कि —
JSJB के आंकड़े सत्यापित हैं
CTR पोर्टल की त्रुटियों को सुधारा जा रहा है
अब देखना होगा कि जांच में क्या निष्कर्ष सामने आते हैं और क्या यह विवाद केवल तकनीकी चूक तक सीमित रहता है या आगे प्रशासनिक जवाबदेही तय होती है।







