
कुसमी । आदिवासी बहुल क्षेत्र टमसार (कुसमी) में इस वर्ष गुरु पूर्णिमा का पर्व पारंपरिक श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। यह पर्व भारतीय संस्कृति में गुरु और शिष्य के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। शिष्य इस दिन अपने गुरु के चरणों में श्रद्धा अर्पित करते हैं और उनके द्वारा दिखाए गए ज्ञान के मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं। गुरु पूर्णिमा केवल आध्यात्मिक महत्व ही नहीं रखती, बल्कि यह शिक्षा, नैतिकता और समाज निर्माण की दिशा में भी एक प्रेरणादायक दिवस है।
कार्यक्रम का शुभारंभ आदिवासी जूनियर बालक छात्रावास टमसार में हुआ, जहां मुख्य अतिथि के रूप में धौहनी विधायक कुंवर सिंह टेकाम उपस्थित रहे। उन्होंने वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया और गुरुजनों का सम्मान कर परंपरा का निर्वहन किया। साथ ही 13 पात्र छात्र-छात्राओं को साइकिल वितरित की गई, जिससे उनके शिक्षा के सफर को गति मिले।
कार्यक्रम में जनपद सदस्य जमुनी देवी, सरपंच मकरंद सिंह, राजकुमार तिवारी, डॉ. रामदयाल साहू, प्राचार्य रामपाल सिंह, बीआरसी अंगिरा प्रसाद द्विवेदी, अधीक्षक राम मिलन प्रजापति सहित अन्य गणमान्यजन भी उपस्थित रहे।
कुसमी महाविद्यालय में
महाविद्यालय परिसर में भी गुरु पर्णिमा कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पूर्व बीईओ डी.पी. सिंह को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. नजर अली, डॉ. कृष्ण भूषण मिश्रा, डॉ. रमाकांत पटेल, डॉ. निवेदिता लखेरा, ऋषिकेश सोंधिया राजभान सिंह, प्रयोगशाला प्रचारक तेज बहादुर सिंह सहित कई शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
इस अवसर पर वक्ताओं ने गुरु के महत्व, उनके आदर्शों और जीवन में उनके योगदान पर प्रकाश डाला।