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जिले में दीदी की रसोई के बाद खुलेगा नीरा ब्रिकी केन्द्र

उत्पाद विभाग से लेना होगा लाईसेंस

◾️प्रतिदिन 20 लीटर बेचने का है लक्ष्य

सीवान: जिले में अब जीविका रसोई के तर्ज पर जिलें में खुलेगा नीरा विक्रय केन्द्र, विभाग इसके लेकर प्रयासरत है। बता दे की जिले के सदर अस्पताल, जिला निबंधन कार्यालय सहित अन्य जगहों पर स्थित जीविका रसोई में जल्द ही नीरा बिक्री होगी। इसको लेकर बिक्री केंद्र का उद्घाटन किया जाएगा । मिलीं जानकारी के अनुसार ₹10 प्रति क्लास के हिसाब से नीरा विक्री की जाएगी । विभाग द्वारा प्रतिदिन बिक्री के लिए लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है, जानकारी के अनुसार प्रतिदिन 20 लीटर नीरा बेचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है । जीविका दीदी को इसके बारे में गुणकारी व लाभकारी जानकारी दी गई है। मिली जानकारी के अनुसार निरा बेचने का लाइसेंस उत्पाद विभाग द्वारा दिया जाएगा मिलीं जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि जीविका दीदी ने इस गुणकारी पेय पदार्थ के बारे में अच्छे से जानकारी लिया और जाना है और समझा है।

दीदी की रसोई का संचालन होगा नीरा केन्द्र

 नीरा ब्रिकी केन्द्र का संचालन यहां मौजूद सरकारी अस्पतालों, जिला निबंधन कार्यलय में दीदी की रसोई में नीरा भी मिलेगा, जिसे की यहां मरीजों और जरूरी कार्य के लिए उनके परिजनों और अस्पताल कर्मियों को उच्च गुणवत्ता का नीरा उपलब्ध कराया जाएगा।ताकि लोगों को गर्मी और पेट की समस्या से राहत मिलें।

नीरा सेहत के लिए लाभदायक

सीवान जीवीका से मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि बिहार सरकार का यह योजना है कि जहां पर लोग पहले इसे नशे के रूप में इस्तेमाल करते थे। लेकिन अब यह सेहत के लिए बहुत बड़ा पेय पदार्थ है और इससे सेहत में बहुत सुधार हो सकता है। उन्होंने बताया कि यह एक ऐसा ड्रिंक है, जिससे पीने से पीलिया ठीक हो सकता है. पेट संबंधित कई रोग खत्म हो सकते है तथा डायबिटिक पेशेंट भी इस पी सकते हैं। गर्मी के दिनों में जो लोग डिहाइड्रेटेड होते थे।इसके पीने से हाइड्रेटेड हो जाएगें।

क्या है नीरा

नीरा को ताड़, खजूर और नारियल के वृक्ष से प्राप्त किया जाता है। ताड़ और खजूर के पेड़ से जो ताजा रस निकलता है, उसे नीरा कहते है। ताड़ के वृक्ष से प्राप्त नीरा जब तक यह ताजा रहता है तब तक यह नीरा रहता है, लेकिन जैसे ही यह सड़ता है यह ताड़ी बन जाता है। नीरा को नारियल के पेड़ से भी प्राप्त किया जाता है। नारियल पेड़ के फूलों के गुच्छे से जो रस निकलता है वही नीरा है। इसे मीठी ताड़ी भी कहते हैं। इसमें अल्कोहल शून्य होता है।

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