*पखांजुर ….. मत्स्यउद्योग विकास योजना अंतर्गत ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ लाखो का भ्रष्टाचार । सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत हुआ मामले की खुलासा । तत्कालीन सहायक संचालक मछलीपालन अधिकारी ने कहा परलकोट जलाशय में 12 क्विटल ही मछली छोड़ा गया बाकी प्रस्ताव के बाद छोड़ा जाएगा । जबकि सहायक संचालक ने संचयन प्रमाण पत्र में दिया उल्टा लिखित वयान । बस्तर के भाटपारा बालाजी फिसरी को मिला था टेंडर । 6लाख 34 हजार रोगमुक्त स्वस्थ,नाप-तौल फ़ोटो-वीडियोग्राफी कर छोड़ा जाना था मत्स्यबीज । समिति को गुमराह कर बिना पारदर्शिता अपनाये अधिकारी और ठेकेदार ने रचा खेल ।
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