हसदेव अरण्य में कटाई के मुद्दे पर गरमाया सदन
स्थगन अग्राह्य् होने के बाद विपक्ष ने की जमकर नारेबाजी, सभी विपक्षी विधायक निलंबित, कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित
रायपुर। विधानसभा में आज हसदेव अरण्य में कटाई के मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ। स्थगन अग्राह्य् होने के बाद विपक्षी विधायकों ने जमकर नारेबाजी की। इस दौरान सभी विधायक गर्भगृह में पहुंच गये, जिसकी वजह से विपक्षी विधायक स्वंयेव निलंबित हो गये। इससे पहले विपक्ष ने आज हसदेव अरण्य में कटाई पर स्थगन लाया। शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने इस मुद्दे को उठाया। विधानसभा अध्यक्ष ने स्थगन की ग्राह्यता पर चर्चा की अनुमति दी। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि नई सरकार बनने के पहले ही वन संरक्षक ने पेड़ काटने की अनुमति दे दी। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने शासकीय संकल्प पारित किया था, इसके बावजूद पेड़ों को काटा जाना बेहद गंभीर है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ये लोकहित का मुद्दा है, इसलिए विधानसभा के सभी कामों को रोककर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराई जाये।
वहीं स्थगन पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कौन सी अदृश्य शक्ति है जिसने बगैर आदेश पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गयी। कौन सी अदृश्य शक्ति है, जिसने बगैर आदेश तोड़फोड़ शुरू कर दिया। भूपेश बघेल ने कहा कि पूरे प्रदेश में गोबर की खरीदी बगैर आदेश रोक दी गई। हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई रोका जाना चाहिए। भूपेश बघेल ने भी मांग की, इस विषय पर सभी काम रोककर चर्चा कराई जाए।
ग्राह्यता पर चर्चा के बाद हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई के मुद्दे पर लाये गये स्थगन को विधानसभा अध्यक्ष ने अग्राह्य कर दिया। सदन में विपक्षी सदस्यों ने नारे लगाये। हंगामे बीच सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी। लेकिन, हंगामा जारी रहा। हसदेव में कटाई में मामले में सदन में जोरदार हंगामा, नारेबाजी करते हुए विपक्ष के विधायक गर्भगृह में पहुंचे। गर्भगृह पहुंचकर विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। गर्भगृह में पहुंचने से विपक्ष के विधायक हुए निलंबित।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने कहा-
हसदेव क्षेत्र में सभी कोल ब्लॉक रद्द करने को लेकर इस सदन में ही संकल्प पारित किया गया. 26 जुलाई 2022 को पारित किया गया था. केंद्र सरकार को पत्र प्रेषित किया गया था. इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. सरकार बनने और मुख्यमंत्री बनने के पहले वन विभाग ने हसदेव में पेड़ काटने की अनुमति दे दी. 15 हज़ार 307 पेड़ों को काटने की अनुमति दे दी. विधानसभा ने अशासकीय संकल्प पारित कर दिया था, इसके बाद भी इस तरह का आदेश जारी करना दुखद है. ये गंभीर समस्या है. हसदेव ख़त्म होने से बांगो बांध ख़त्म हो जाएगा. वन ख़त्म हो जाएगा.
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- इसी सदन में सर्व सम्मति से अशासकीय संकल्प पारित किया गया था. इसके बाद भी कटाई की अनुमति दे दी गई. ये कौन सी अदृश्य शक्ति है जिसमें पेड़ों की कटाई की अनुमति दे दी गई. इससे वन्यजीव प्रभावित होंगे. वहाँ के आदिवासी प्रभावित होंगे. बांगो बांध प्रभावित होने की वजह से कई ज़िले सिंचाई से प्रभावित होगा।
कांग्रेसी विधायक कुंवर निषाद और विक्रम मंडावी ने कहा- जंगल ख़त्म होने से जीवन प्रभावित होगा. हसदेव में हाथी मानव द्वन्द चल रहा है. हसदेव क्षेत्र के आदिवासी अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं. आदिवासियों के जल जंगल और ज़मीन पर खतरा मंडरा रहा है. वहीं, कांग्रेसी विधायक अनिला भेड़िया ने कहा- उद्योगपतियों के लिए जंगल काटा जा रहा है. केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है. हसदेव को बचाने और आदिवासियों के संरक्षण के लिए काम करना चाहिए.
अंबिका मरकाम ने कहा कि- हमारे मुख्यमंत्री आदिवासी हैं. हसदेव में आदिवासियों का सबसे बड़ा नुक़सान हो रहा है. हम मानते हैं कि आदिवासी मुख्यमंत्री होने का लाभ मिलता. अटल श्रीवास्तव ने कहा कि आदिवासियों की ज़मीन उजाड़ने का काम किया जा रहा है. पुलिस के पहरे में पेड़ों की कटाई हो रही है. अदाणी को दिये गये एमडीओ में ये स्पष्ट रूप से लिखा है कि सालों तक कोल का खनन किया जा सकता है फिर एक नये ब्लॉक की क्या ज़रूरत? लालजीत सिंह राठिया ने कहा- आदिवासी मुख्यमंत्री राज्य के आदिवासियों का सुरक्षा कवच हैं. उन्हें आदिवासियों की इस समस्या का निराकरण करना चाहिए. हसदेव की कटाई से बांगो बांध पूरी तरह से ख़त्म हो जाएगा.
हर्षिता बघेल और सावित्री मंडावी ने कहा- हसदेव को केंद्र और राज्य का विषय ना बनाकर आदिवासियों के हित में फ़ैसला लिया जाना चाहिए. हमारे पूर्वजों ने हज़ारो सालों से इस जंगल को बचाकर रखा है. ये वन्य जीवों के साथ साथ आदिवासी संस्कृति को ख़त्म करने जैसा है.राघवेंद्र सिंह ने कहा- वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया था कि हसदेव क्षेत्र के किसानों की कमाई 160 फ़ीसदी बढ़ी है. ये सघन क्षेत्र के जंगल हैं. खड़गवा क्षेत्र में वन अधिकार पट्टे बंटे हैं. राजस्थान के पास पर्याप्त कोयला है. इस भंडार से काम चल सकता है. इसके बाद भी काटने की अनुमति देती है तो ये गंभीर मुद्दा होगा.
बीजेपी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा- नेता प्रतिपक्ष ने हसदेव के लिये उस वक़्त मुझे विशेष अनुमति दिया था जब वह ख़ुद आसंदी पर बैठे थे. बिसाहू दास महंत, रामचंद्र सिंहदेव जैसे नेताओं ने बांगो बांध की कल्पना की थी. सारे विकास के काम गंगरेल में हो रहे थे बागों में नहीं हो रहे थे. जो आज आदिवासी हितों को रक्षा की बात कर रहे हैं उनमें से एक आदमी भी बोलने खड़ा नहीं हो रहा था. मैंने ये भी कहा था कि राहुल गांधी जब मदनपुर आये थे तब जिस चबूतरे में बैठे थे वहाँ के किसानों की ज़मीन बेदख़ल करने का आदेश भी पिछली सरकार ने दिया था. पिछली सरकार ने तीन आदेश देकर पेड़ों को आरी देने का काम किया था. ये काम विष्णुदेव साय सरकार ने नहीं किया है. उस दिन मैं चीख चीख कर कह रहा था कि पेड़ों की कटाई के सभी आदेशों को रद्द कर दिया जाये. उस दिन ही सख़्ती से सरकार अपने सभी आदेशों को रद्द कर देती तो ज़्यादा बेहतर होता.
नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने कहा- यदि आसंदी पर ही प्रश्नचिन्ह लग जाये तो ये चिंता का विषय है. देश में साढ़े तीन लाख मिट्रिक टन कोयले का भंडार है, जो हसदेव क्षेत्र के बाहर हैं. हसदेव को बचाकर भी कोयले की ज़रूरत पूरी की जा सकती है. हसदेव में सौ से अधिक प्रकार के वनस्पति है. सैकड़ों प्रकार के जीव जंतु हैं. मुख्यमंत्री का हाथ ना उधर का शामिल है ना इधर का शामिल है.