जबलपुर से जिला प्रमुख राहुल सेन की खास रिपोर्ट/ आमतौर पर लोगों की मदद करने वालों की पूछ परख रहती है, जो भी उनसे मिलता है आदर से बात करता है। उनके चाहने वालों की संख्या भी लंबी चौड़ी रहती है। लेकिन शहर के एक सामाजिक कार्यकर्ता के साथ इसका उलटा हो रहा है। लावारिश लाशों को मोक्ष दिलाने का काम करने वाले मोक्ष संस्था के अध्यक्ष आशीष ठाकुर कुछ गुण्डों के निशाने पर हैं और गढ़ा पुलिस भी उन्हे झूठे मामले में फंसाने की साजिश कर रही है। जरूरतमंदों की मदद करने और लावारिश शवों का अंतिम संस्कार करने के बदले इस युवक को पुलिस, राजनेता और गुंडों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा मानसिक प्रताडि़त करने के लिए एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।
हम बात कर रहे हैं मोक्ष संस्था के आशीष ठाकुर की, इन्हें जरूरतमंदों की मदद करने का ईनाम मारपीट और इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करके दिया गया है। आशीष ठाकुर का कहना है कि वे प्राईवेट नौकरी करते हैं। इस दौरान वे काम के बीच में जरूरतमंदों की मदद और लावारिश शवों का अंतिम संस्कार भी करते हैं। मोक्ष संस्था के माध्यम से अब तक कई शवों को अंतिम संस्कार किया तो वहीं कई जरूरतमंदों की मदद की। लेकिन इस बीच उनकी दुश्मनी भी बढ़ती गई। कुछ दिनों पूर्व मेडिकल अस्पताल में मृतक के परिवार वालों की मदद करने पर एम्बुलेंस संचालक द्वारा उनके साथ मारपीट की गई।
जिसमें पुलिस ने काउंटर मामला दर्ज कर लिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि उनके खिलाफ पिछले दस सालों से कुछ और मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें वह निर्दोष हैं। लेकिन पुलिस और राजनेताओं के दबाव में उनके सच को दबाया गया और झूठे मामलों में उन्हें फंसा दिया गया। जो अभी न्यायालय में लंबित हैं। जिसको लेकर आशीष ठाकुर ने एसपी को ज्ञापन सौंपते हुए उनके खिलाफ दर्ज किए गए मामलों की जाँच कराकर कार्यवाही को विराम दिलाने की मांग की है।
पीछा कर रहे बबलू बाल्मिक के गुर्गे- आशीष ठाकुर ने कहा कि उनकी और उनके साथियों की जान जोखिम में है। मेडिकल में बबलू बाल्मिक से हुए विवाद के बाद उसके गुर्गे लगातार उनका और मोक्ष संस्था से जुड़े लोगों को पीछा कर रहे हैं। हाल ही में उनकी संस्था के जीत्तू ठाकुर का पीछा करते हुए कुछ लोगों को सीसीटीवी में देखा गया है। जिसकी शिकायत पुलिस से भी की गई है लेकिन पुलिस उनकी मदद करने के बजाय उलटा उन्हें ही गलत साबित कर रही है।