संजीव तिवारी की रिपोर्ट कोरबा से
कोरबा। प्रशासनिक कार्यालयों से महज दो से ढाई किलोमीटर की दुरी जो कि सिविल लाइन थाना अंतर्गत तहसील मार्ग में हाउसिंग बोर्ड के पास संचालित बालिका गृह में रह रही अनाथ तीन बहनों में से सबसे छोटी बहन 14 वर्षीय किशोरी ने रविवार को शाम के वक्त खुदकुशी कर ली। इसकी जानकारी जैसे ही बालिका गृह के केयर टेकर से लेकर संचालिका रुक्मणी नायर को हुई और बालिका गृह की अन्य बालिकाओं को मिली, इनमें कोहराम मच गया और शोक में व्याप्त हो गए । सूचना मिलते ही सिविल लाइन पुलिस टीम,एएसपी-सीएसपी से लेकर प्रशासनिक और न्यायिक अधिकारी भी बालिका गृह पहुंचे। मामला काफी संवेदनशील और अनेक सवालों से घिरा हुआ था कि आखिर ऐसी कौन सी वजह हो गई कि किशोरी को आत्महत्या करना पड़ गया। आज वैधानिक कार्रवाई और पोस्टमार्टम उपरांत शव को बालिका के रिश्तेदारों को सौंप दिया गया जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इधर बालिका गृह में मौजूद सीसीटीवी कैमरे के फुटेज सुरक्षित करवा लिए गए हैं ताकि जांच में मदद मिल सके।
मृतका किशोरी कोतवाली थाना क्षेत्र के धनुहार पारा पुरानी बस्ती मोहल्ला की रहने वाली थी। उसके पिता की मौत हो जाने के बाद माँ ने भी नाता तोड़ लिया और दूसरा विवाह करके चली गई तो रिश्तेदारों ने कुछ समय अनाथ हुई बेटियों को अपने साथ रखा। इसके बाद उक्त किशोरी सहित उसकी दो और बड़ी बहनों को बालिका गृह में दाखिल करा दिया। तब से तीनों बहनें बालिका गृह की अन्य कुल 64 बालिकाओं के साथ रह रही हैं। इन्हीं में 14 वर्षीय किशोरी ने खुदकुशी की है और यह पहला मामला है जिसने कई सवालों के घेरे में बालिका गृह को घेर दिया है। बताया जा रहा है कि उक्त किशोरी का स्वभाव जल्द किसी को समझ में नहीं चल पाता था। कभी वह गुमसुम रहती थी तो कभी चंचल काफी घुल मिलकर खेल कर बातें किया करती थी। उसका स्वभाव एक तरह से रहस्यमय बना रहता था। कोरबा में रह रहे परिजन इन बच्चों से मिलने के लिए आते रहते थे। इस बालिका को कुछ समय पहले कांकेर की एक दंपत्ति ने भी गोद लिया था और लगभग 4 साल तक बालिका उनके साथ रही, लेकिन स्वभाव के कारणों से बालिका एडजस्टमेंट नहीं हो पाने के कारण करीब 6 माह पहले किशोरी को वापस बालिका गृह छोड़कर वह लौट गए। सूत्र बताते हैं कि यह बालिका काफी अच्छा अभिनय भी कर लेती थी जिसके कारण एक बार तो बालिका गृह प्रबंधन में खलबली भी मच गई थी। अब रविवार की इस घटना से कुछ समय पहले तक वह अन्य बालिकाओं से काफी घुल मिलकर और हंस-हंसकर खेलते हुए बातें कर रही थी, गणेश उत्सव के आयोजन में भी शामिल हुई थी और कुछ बनाना भी सीख रही थी लेकिन ऐन वक्त पर ऐसा कुछ जरूर हुआ कि उसने आत्मघाती कदम उठा लिया।अब इस वजह की तलाश में अधिकारी गण जुट हुए हैं। मामले को लेकर गहन छानबीन होने के साथ-साथ अन्य बालिकाओं से भी पूछताछ की प्रक्रिया हो रही है।
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