राहुल और प्रियंका ‘हरियाणा विजय संकल्प यात्रा’ पर निकल रहे हैं। यह आज (30 सितंबर) से शुरू होगी और 3 अक्टूबर तक चलेगी। बता दें कि हरियाणा के विधानसभा चुनाव में प्रचार के गिने-चुने दिन बचे हैं। 3 अक्टूबर की शाम को 5 बजे राज्य में चुनाव प्रचार थम जाएगा। ऐसे में पार्टी चुनाव में पूरी ताकत लगा रही है।
दूसरी ओर, बीजेपी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा सहित तमाम बड़े नेताओं को पार्टी के चुनाव प्रचार में झोंका हुआ है।
हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे का मुख्य मुकाबला है। इनमें से कुछ सीटों पर निर्दलीय और अन्य दलों के प्रत्याशी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाते दिख रहे हैं।
अब सवाल यह है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की हरियाणा में यह रथ यात्रा बीजेपी के लिए कितनी बड़ी चुनौती बनेगी? इस सवाल पर जाने से पहले कांग्रेस के द्वारा पिछले कुछ सालों में निकाली गई यात्राओं पर बात करते हैं।
यात्राओं से मिली कांग्रेस को ऊर्जा
कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाली थी और पार्टी का दावा है कि इन यात्राओं के जरिए कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं को एकजुट किया और उनमें नई ऊर्जा का संचार किया। लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस की सीटों की संख्या में इजाफा हुआ था तो उसने इसका श्रेय इन यात्राओं को दिया था। 2019 में मिली 52 सीटों के मुकाबले पार्टी ने इस बार 99 सीटों पर जीत दर्ज की थी। राहुल गांधी भी बड़े अंतर से रायबरेली और केरल के वायनाड से चुनाव जीते थे।
क्या है पहले दिन का रूट?
हरियाणा विजय संकल्प यात्रा के पहले दिन राहुल गांधी और प्रियंका नारायणगढ़ से यात्रा शुरू कर यमुनानगर, मुलाना, कुरुक्षेत्र, लाडवा होते हुए शाम को थानेसर में जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके जरिए पहले दिन राहुल और प्रियंका अंबाला, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर जिलों में पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनाने का काम करेंगे। इन जिलों में कुल 12 विधानसभा सीटें आती हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इसमें से 5 सीटों पर जीत मिली थी जबकि 6 सीटें बीजेपी और एक सीट जेजेपी के खाते में गई थी।
बताना होगा कि राहुल और प्रियंका गांधी जिस जीटी बेल्ट से अपनी यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं, उसे बीजेपी का गढ़ माना जाता है। बीजेपी को 2014 और 2019 में मिली जीत में जीटी बेल्ट का बड़ा रोल रहा था। 2014 में पार्टी को यहां 21 सीटें और 2019 में 12 सीटें मिली थीं। केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के अलावा बड़े नेता अनिल विज, कंवरपाल गुर्जर, सुभाष सुधा, महिपाल ढांडा भी इसी बेल्ट से आते हैं।
एकजुटता दिखाने की होगी कोशिश
लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को इस बात की उम्मीद है कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बन सकती है लेकिन पिछले दिनों पार्टी की बड़ी नेता कुमारी सैलजा की नाराजगी को लेकर हरियाणा कांग्रेस में काफी उथल-पुथल वाले हालात रहे थे। हालात को देखते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने कुमारी सैलजा से बात की थी। इसके बाद कुमारी सैलजा चुनाव प्रचार में उतरी हैं और लगातार चुनावी जनसभाओं को संबोधित कर रही हैं।
कुमारी सैलजा की नाराजगी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी चुनावी रैलियों में उठाया और कहा है कि कांग्रेस के नेता मुख्यमंत्री बनने के लिए आपस में ही लड़ रहे हैं। कांग्रेस की कोशिश होगी कि इस यात्रा के जरिए वह पार्टी के बड़े नेताओं को एक मंच पर लाकर एकजुटता का संदेश दे। हरियाणा के असंध में हुई राहुल गांधी की रैली में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा मंच पर साथ-साथ दिखाई दिए थे। लेकिन कांग्रेस के घोषणा पत्र जारी होने के मौके पर सैलजा और राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला नहीं दिखाई दिए थे। इसके बाद फिर से पार्टी में गुटबाजी की खबरों को हवा मिली है।
पिछले दिनों हरियाणा में हुई जनसभाओं में राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने हरियाणा में महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्याओं को मुद्दा बनाया और लोगों को भरोसा दिलाया कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने पर हर आदमी की बात सुनी जाएगी।
कांग्रेस अगले कुछ दिनों में इस रथ यात्रा के जरिए बीजेपी को बड़ी चुनौती देने की कोशिश करेगी। चूंकि हरियाणा बहुत बड़ा प्रदेश नहीं है ऐसे में यह रथ यात्रा कुछ ही दिनों के भीतर कई विधानसभा सीटों को कवर कर सकती है लेकिन दूसरी ओर बीजेपी ने भी अपने सबसे बड़े चेहरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुरुक्षेत्र, सोनीपत में रैलियां करवाई हैं और 1 अक्टूबर को पलवल में भी मोदी चुनावी रैली को संबोधित करेंगे।