- पटवारियों की शिकायत के बाद राजस्व निरीक्षक का हुआ सुकमा तबादला राजनैतिक पहुच के कारण रुका
गरियाबंद/ डेढ़ माह पूर्व हुए जिले के 3 राजस्व निरीक्षकों के तबादले में से 2 को भार मुक्त कर के नवीन पद स्थापना वाले जिले में तो रवाना कर दिया गया पर जिले में एक ऐसा राजस्व निरीक्षक भी है जिसका तबादला शिकायत के बाद सुकमा जिला हुआ था पर आज तबादला आदेश के 40 दिन बाद भी न ही उसे भारमुक्त किया ।
जानकारी के मुताबिक गरियाबंद जिले में वर्षो से जमे हुए राजस्व निरीक्षक गेवेंद्र साहू का तबादला 13 सितम्बर 2024 को सुकमा जिला हुआ था,,आदेश आने के आज 40 दिन बीत जाने पर भी आज दिनांक तक उक्त राजस्व निरीक्षक को भारमुक्त नही किया गया,,वही और तो और बासीन और कौंदकेरा का अतिरिक्त प्रभार भी सौंप दिया गया है,,जबकि मजे की बात यह है कि धुर नक्सल प्रभावित जिला सुकमा में एक भी राजस्व निरीक्षक पदस्थ नही है,,जिसके बावजूद भी गरियाबंद जिले के आला अधिकारी राज्य शासन के आदेश को ठेंका दिखा रहे है ।
पटवारियों की शिकायत के बाद हुआ था राजस्व निरीक्षक का तबादला
जानकारी के मुताबिक राजस्व निरीक्षक गेवेंद्र साहू की शिकायतें भी काफी है,,बीते माह में राजस्व पटवारी संघ राजिम के पटवारियों ने राजिम के एसडीएम से शिकायत की थी कि राजस्व निरीक्षक गेवेंद्र साहू अपने सर्किल को छोड़ कर दूसरे पटवारियों के अधिकार क्षेत्र में घुसकर खसरे की बिक्री नकल को जारी कर दिया है जबकि गेवेंद्र साहू के अधिकार क्षेत्र में बिक्री नकल जारी करना है ही नही यह कार्य पटवारी के अधिकार क्षेत्र में आता है जिसके बाद पटवारियों ने राजस्व निरीक्षक गेवेंद्र साहू के खिलाफ विभागीय अनुशासन हीनता की कार्यवाही करने की मांग की थी पर अपनी ऊंची पहुच के बल पर यह शिकायत को भी अवसर में बदलते हुए आला अधिकारियों से मिली भगत कर और राजनैतिक संरक्षण के दम पर तबादला होने के बाद भी संबंधित सर्किल का अतिरिक्त प्रभार भी ले लिया ।
राजनैतिक मददगारों के वजह से नही हो रहे भारमुक्त
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के एक दिग्गज मंत्री के यहाँ अटैच में पदस्थ ग्रेड 3 के एक कर्मचारी का संरक्षण प्राप्त है जिसके वजह से अभी तक राजस्व निरीक्षक गेवेंद्र साहू का तबादला रुका हुआ है,,वही अपने गृह जिले रायपुर के अभनपुर से मात्र 25 किलोमीटर दूर राजिम में ही पदस्थ इस राजस्व निरीक्षक का तबादला होने के बाद भी नवीन पदस्थापना जिला न जाना भी एक महत्वपूर्ण कारण है जिसके जोड़ तोड़ में जिला प्रशासन के आला अधिकारी के द्वारा गेवेंद्र साहू के तबादले के बाद भी भारमुक्त न करके नवीन पदस्थापना जिला न भेजना शासन के आदेश की अवहेलना तो कर ही रहे है साथ ही साथ संरक्षण भी देते हुए नज़र आ रहे है,,वही राज्य सरकार के नारे विष्णु का सुशासन के दावे को खोखला साबित करने में भी जिले के अधिकारी जुटे हुए है,,अब देखना यह होगा कि खबर के प्रकाशित होने के बाद भी आला अधिकारियों के कानों में जु रेंगती है या फिर राज्य शासन के आदेश की धज्जियां ऐसे ही उड़ाते रहेंगे ।