गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने हाल ही में एक आय कॉल में खुलासा किया कि इस दिग्गज कंपनी में एक चौथाई से ज्यादा नया कोड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा तैयार किया गया है। पिचाई ने कंपनी की हाल ही में तीसरी तिमाही 2024 की आय कॉल के दौरान इस चौंकाने वाले आंकड़े का खुलासा किया और कहा कि अब AI द्वारा तैयार किया गया Google का नया कोड, बाद में मानव इंजीनियरों द्वारा समीक्षा किया जाता है।
गूगल कोड पर सुंदर पिचाई की टिप्पणी इस बात को रेखांकित करती है कि कैसे कंपनी अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए आंतरिक रूप से इस तकनीक का लाभ उठा रही है और साथ ही कोडिंग परिदृश्य में एक मौलिक बदलाव भी कर रही है, जहां AI तेजी से कार्यभार साझा कर रहा है।
यह तथ्य है कि अब गूगल के प्रोडक्ट्स के लिए 25 प्रतिशत से ज्यादा कोड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तैयार करता है, इस बात पर प्रकाश डालता है कि कंपनी के सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट को आकार देने में AI कितना अभिन्न अंग बन गया है।
25 प्रतिशत से अधिक कोड AI द्वारा तैयार किया गया
सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि कंपनी ने कई संरचनात्मक परिवर्तन किए हैं, जिससे अनुसंधान, मशीन लर्निंग इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपर टीमों के साथ-साथ इसके सुरक्षा प्रयासों और इसके प्लैटफॉर्म और डिवाइस टीम में इंटिग्रेटेड टिमें बनी हैं। उन्होंने आग आगे कहा कि “हम अपनी कोडिंग प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के लिए आंतरिक रूप से AI का उपयोग कर रहे हैं, जो उत्पादकता और दक्षता को बढ़ा रहा है। आज गूगल में सभी नए कोड का एक चौथाई से अधिक AI के जरिए जेनरेट किया जाता है, फिर इंजीनियरों द्वारा समीक्षा और स्वीकार किया जाता है। इससे हमारे इंजीनियरों को अधिक काम करने और तेजी से आगे बढ़ने में मदद मिलती है।
फर्स्टपोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्टैक ओवरफ्लो के 2024 डेवलपर सर्वेक्षण से पता चला है कि 75 प्रतिशत से अधिक डेवलपर्स या तो वर्तमान में AI टूल का उपयोग कर रहे हैं या करने का इरादा रखते हैं। वहीं GitHub में मुताबिक अमेरिका स्थित 92 प्रतिशत डेवलपर्स ने अपने वर्कफ़्लो में AI को एकीकृत किया है। जबकि AI टूल दक्षता प्रदान करते हैं और कार्यों को आसान बनाते हैं, आशंकाएँ जताई गई हैं कि कोडिंग के लिए AI पर भारी निर्भरता मानव डेवलपर्स के बीच कौशल सेट को कम कर सकती है।
Google का AI पर बढ़ता ध्यान
पिछले साल गूगल ने अपनी AI शोध इकाइयों, DeepMind और Google Brain को Google DeepMind नामक एक एकल प्रभाग में विलय कर दिया था, जिसका नेतृत्व Demis Hassabis कर रहे थे। इसके बाद के महीनों में, Alphabet ने AI मॉडल के Gemini को पेश किया, जिससे AI की अगली पीढ़ी की उन्नति को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
रिपोर्ट्स में किया गया है ये दावा
ऐसे में अब सवाल यह है कि कंपनी की प्रोडक्टिविटी तो बढ़ रही है, लेकिन लोगों का रोजगार घट रहा है। इससे पहले कई सारे ऐसे रिपोर्ट्स सामने आएं हैं, जिसमें दावा किया गया है कि एआई के आने सो लोगों का जॉब जाने वाला है। 2023 में गोल्डमैन सैच्स की एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि एआई को आने से ग्लोबली 50 मिलियन यानी 5 कड़ोर लोगों का जॉब चला जाएगा। मतलब 5 कड़ोर कार्यरत लोगों का जगह एआई ले लेगा।
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