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हरियाणा में भेजी जा रही थी नशीले इंजेक्शन की डोज


हरियाणा स्टेट एंटी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूराे ने जब आगरा के छलेसर में छापा मारा तो वहां प्रतिबंधित इंजेक्शन देखकर दंग रह गए। जिस इंजेक्शन को बेचने के लिए केमिस्ट को पूरा रिकॉर्ड रखना पड़ता है और लाइसेंस की जरूरत होती है। वो बिना किसी रिकॉर्ड के तीन किलोग्राम के लगभग मौजूद था। टीम ने ट्रांस यमुना के गौरव गुप्ता को किया था गिरफ्तार

एविल इंजेक्शन की 36 पेटी और डुपरेनारफिन के 1500 इंजेक्शन बरामद
दोनों इंजेक्शन को मिलाकर तैयार की जाती थी नशे की डोज

आगरा।

आगरा से बिना लाइसेंस के एविल और प्रतिबंधित डुपरेनारफिन इंजेक्शन की खेप हरियाणा भेजी जा रही थी। वहां पर दोनों इंजेक्शन को मिलाकर नशे में प्रयोग किया जा रहा था। जिसके तार आगरा और फिराेजाबाद से जुड़े थे।
हरियाणा स्टेट एंटी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने आठ नवंबर को जिला झज्जर के बहादुरगढ़ से साहिल राठी और सुमित को बड़ी संख्या में एविल और प्रतिबंधित डुपरेनारफिन इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया था। दोनों ने पूछताछ में बताया कि वह नशे के इंजेक्शन फिरोजाबाद के दिनेश से लेते थे। टीम ने दस नवंबर को दिनेश को गिरफ्तार करके जेल भेजा था।

आगरा के ट्रांसयमुना से खरीदता था माल
हरियाणा एंटी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की पूछताछ में दिनेश ने बताया था कि वह नगला रामबल, ट्रांस यमुना के गौरव गुप्ता से माल खरीदता था। जिसे हरियाणा में साहिल राठी ओर सुमित उर्फ चिंटू को देता था। हरियाणा एंटी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 10 नवंबर को नगला रामबल में छापा मारकर नशे के इंजेक्शन का कारोबार करने वाले आरोपित गौरव गुप्ता को गिरफ्तार किया था। उसे कोर्ट में पेश करके रिमांड पर लेकर आगरा पहुंची थी।

आरोपित को साथ लेकर आए

हरियाणा एंटी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के इंस्पेक्टर बलदिंर सिंह टीम के साथ आरोपित गौरव गुप्ता को लेकर सोमवार की रात आगरा पहुंचे। टीम ने आगरा के ड्रग इंस्पेक्टर कपिल शर्मा और औषधि विभाग की निशानदेही पर सोमवार रात को छलेसर स्थित गोदाम से 36 पेटी एविल और एक पेटी प्रतिबंधित डुपरेनारफिन इंजेक्शन की बरामद किए। बरामद प्रतिबंधित डुपरेनारफिन इंजेक्शन 1500 है।

इंस्पेक्टर बलिंदर सिंह ने बताया कि डुपरेनारफिन इंजेक्शन प्रतिबंधित है। यह डाक्टर के पर्चे पर ही मिलती है। सीजर आपरेशन, तेज दर्द और नशा छुड़वाने के लिए ही दिया जा सकता है। बेचने वाले को इसका रिकॉर्ड रखना होता है कि उसने किसे बेचा था। गौरव गुप्ता यह काम बिना लाइसेंस के बेच रहा था।

डुपरेनारफिन इंजेक्शन की 20 मिलीग्राम मात्रा रख सकते हैं केमिस्ट

हरियाणा एंटी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने बताया कि केमिस्ट प्रतिबंधित डुपरेनारफिन इंजेक्शन को सीमित मात्रा ही रख सकते हैं। जिसे बेचने और खरीदने का पूरा रिकॉर्ड रखना होता है। यह इंजेक्शन बेहद तेज दर्द, सीजर आपरेशन में ही डाक्टर देते हैं।
आरोपित गौरव गुप्ता के पास से प्रतिबंधित इंजेक्शन की बरामद मात्रा तीन किलोग्राम है। जिसका कोई रिकॉर्ड आरोपित के पास नहीं था। उसने राष्ट्रीय राजमार्ग पर छलेसर में अपना गोदाम बना रखा था। वहीं से माल की आपूर्ति करता था।

ड्रग तस्कर 300 रुपये में बेचते थे एक डोज

हरियाणा में ड्रग तस्कर प्रतिबंधित डुपरेनारफिन इंजेक्शन और एविल को मिलाकर नशे की डोज तैयार करते थे।एक इंजेक्शन को 300 रुपये में बेचा जाता था। वहां पर चोरी छिपे इसकी बिक्री की जा रही थी।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के रडार पर नशीली दवाओं के सौदागर

हरियाणा एंटी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के रडार पर आगरा के नशीली दवाओं के सौदागर हैं। वह गौरव गुप्ता से पूछताछ कर रही है। प्रतिबंधित इंजेक्शन की इतनी भारी मात्रा उसे कौन उपलब्ध कराता था। इसकी जानकारी कर रही है। जिसके आधार पर आगरा के दवा बाजार के व्यापारियों पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का शिकंजा कस सकता है।

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