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आगरा जिले में नहरों की सफाई में अनियमितताओं पर फूटा आक्रोश

24 घंटे में नहरों में पानी सुचारू नहीं होने पर धरने का किया ऐलान

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आगरा। जनसरोकारों से सदैव जुड़कर रहने वाले अन्नदाता किसानों के हित में लगातार चलाई जा रही मुहिम अब रंग लाने लगी है। बड़े बड़े वादों के साथ जो सिंचाई विभाग नहरों की टेल तक पानी पहुंचाने का दावा कर रहा था, नहरों में पानी की आपूर्ति सुचारू होने से पहले ही हांफने लगा है। ठेकेदारों के मकड़झाल में सफाई व्यवस्था बुरी तरह उलझ चुकी है। उधर किसान नेताओं ने अग्र भारत की मुहिम की सराहना करते हुए सिंचाई विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।बताया जाता है कि किसान नेता श्याम सिंह चाहर की अगुवाई में जनपद के विभिन्न स्थानों पर नहरों की सफाई का जायजा लिया गया तो नहरों की सफाई की हकीकत खुलकर सामने आ गई। अधिकांश छोटी नहरों घास फूस और जलकुंभी से अटी पड़ी थी। उनकी पटरियां क्षतिग्रस्त पड़ी हुई थी। यह स्थिति तब है जब विगत 31 अक्टूबर तक जनपद की समस्त नहरों की पूर्णतः सिल्ट सफाई कर उनकी पटरियों की मरम्मत के निर्देश थे। जिला पंचायत से लेकर किसान दिवस की बैठकों में उच्चाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के सामने सिंचाई विभाग के आला अफसर खुद ही अपनी पीठ थपथपाकर उत्कृष्ट कार्य करने का दावा हर रहे थे।
आधी क्षमता से भी नहीं चल रहे टर्मिनल

किसान नेता श्याम सिंह चाहर के मुताबिक सिंचाई विभागों विभाग द्वारा जिन रजवाहा और टर्मिनलों में पानी छोड़ा गया है, वह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। इनकी सफाई की हकीकत सबके सामने उजागर हो चुकी है। लगभग 20 करोड़ का बजट सफाई के मद में ठिकाने लगा दिया गया है। इसके बावजूद किसानों को लाभ मिलना सुनिश्चित नहीं है। रजवाहा और टर्मिनलों में आधी से भी कम क्षमता पर पानी की आपूर्ति हो रही है, इसके अलावा जनपद की अधिकांश नहरें पानी की अभाव में सूखी पड़ी हैं। किसानों को अपने खेतों में पलेवट करने के लिए सिंचाई की सख्त दरकार है। 15 दिन का अतिरिक्त समय होने के बावजूद स्थिति रामभरोसे हो चुकी है।
सिंचाई विभाग से आर पार की लड़ाई का किया ऐलान

श्याम सिंह चाहर के साथ समस्त किसान नेताओं ने खुलकर ऐलान कर दिया कि सिंचाई विभाग द्वारा किसानों के हितों से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आगामी 24 घंटे में नहरों में पानी की आपूर्ति सुचारू नहीं होने पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू हो जाएगा। नहरों में पानी की आपूर्ति सुचारू होने पर कहीं भी पटरी टूटकर किसानों के खेत जलमग्न होते हैं तो इसकी पूरी जवाबदेही विभागीय अधिकारियों की होगी। इसमें संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया जाएगा।
बरारा में किसानों के हंगामे के बाद फूले अधिकारियों के हाथ पांव
उक्त प्रकरण के बीच ही बताया जा रहा है कि बीते शुक्रवार को गांव बरारा में किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना शुरू कर दिया। अधिकारियों में हड़कंप मचा तो आनन फानन में मौके पर दौड़ लगा दी। इसके बाद खानापूर्ति के लिए आगरा रजवाहा की जेसीबी से सफाई शुरू कराई गई। किसी तरह किसानों को समझा बुझाकर शांत किया गया।

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