आधी क्षमता से भी नहीं चल रहे टर्मिनल
किसान नेता श्याम सिंह चाहर के मुताबिक सिंचाई विभागों विभाग द्वारा जिन रजवाहा और टर्मिनलों में पानी छोड़ा गया है, वह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। इनकी सफाई की हकीकत सबके सामने उजागर हो चुकी है। लगभग 20 करोड़ का बजट सफाई के मद में ठिकाने लगा दिया गया है। इसके बावजूद किसानों को लाभ मिलना सुनिश्चित नहीं है। रजवाहा और टर्मिनलों में आधी से भी कम क्षमता पर पानी की आपूर्ति हो रही है, इसके अलावा जनपद की अधिकांश नहरें पानी की अभाव में सूखी पड़ी हैं। किसानों को अपने खेतों में पलेवट करने के लिए सिंचाई की सख्त दरकार है। 15 दिन का अतिरिक्त समय होने के बावजूद स्थिति रामभरोसे हो चुकी है।
सिंचाई विभाग से आर पार की लड़ाई का किया ऐलान
श्याम सिंह चाहर के साथ समस्त किसान नेताओं ने खुलकर ऐलान कर दिया कि सिंचाई विभाग द्वारा किसानों के हितों से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आगामी 24 घंटे में नहरों में पानी की आपूर्ति सुचारू नहीं होने पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू हो जाएगा। नहरों में पानी की आपूर्ति सुचारू होने पर कहीं भी पटरी टूटकर किसानों के खेत जलमग्न होते हैं तो इसकी पूरी जवाबदेही विभागीय अधिकारियों की होगी। इसमें संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया जाएगा।
बरारा में किसानों के हंगामे के बाद फूले अधिकारियों के हाथ पांव
उक्त प्रकरण के बीच ही बताया जा रहा है कि बीते शुक्रवार को गांव बरारा में किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना शुरू कर दिया। अधिकारियों में हड़कंप मचा तो आनन फानन में मौके पर दौड़ लगा दी। इसके बाद खानापूर्ति के लिए आगरा रजवाहा की जेसीबी से सफाई शुरू कराई गई। किसी तरह किसानों को समझा बुझाकर शांत किया गया।