
जनसूचना अधिकारी उड़ा रहे सूचना का अधिकार अधिनियम की धज्जियां
लैलूंगा ब्रेकिंग – शासन द्वारा आम जनता के हितों के लिए कई प्रकार का अभियान चलाया जा रहा है जिससे आम नागरिक का हित और उनको उनका अधिकार मिल सके ।
शासन द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम लागू 2005 में पारदर्शिता हेतु नियम लागु किया गया है।
आवेदक धर्मेन्द्र कुमार महंत द्वारा ग्राम पंचायत झगरपुर में मनरेगा के तहत हुए कार्यों सहित समस्त दस्तावेजों की जानकारी मांगी गई थी, जनसूचना अधिकारी/ मुख्यकार्यपालन अधिकारी ,जनपद पंचायत लैलूंगा द्वारा अत्यंत हल्के में लेते हुए आवेदक धर्मेन्द्र कुमार महंत को प्रथम अपील होने के बाद भी जन सूचना अधिकारी के द्वारा चाही गईं जानकारी प्रदाय नहीं किया जा रहा है
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के नियमों का आवेहेलना करते हुए स्वयं को लाभ व आवेदक को सदोस हानि पहुंचाने के नियत से आज महज तीन माह बीत जाने के उपरांत भी संबंधित जनसुचना अधिकारी द्वारा अपने कर्तब्यों के प्रति अत्यंत लापरवाही, हर्टमृता, उदासीनता को प्रदर्शित करते हुए नियमों का घोर उल्लंघन किया जा रहा है और आवेदक के द्वारा चाही गई जानकारी प्रदाय नहीं किया जा रहा है ।
यह कहना गलत नहीं होगा की जानकारी मिल जाने से कंही ना कंही भ्रष्टाचारियों की पोल न खुल जाए,जनसुचना अधिकारी , कंही ना कंही कोई भ्रस्टाचार में समलिप्त हो सकते है तभी आज तक जानकारी प्रदाय करने में संकोच कर रहे है
क्या??? आम नागरिक को उनकी मौलिक अधिकार से वांछित किया जाना सही है या जनसुचना अधिकारी द्वारा अपनी मनमानी करने पर किसी प्रकार का कोई कार्यवाही की जायगी या फिर हमेसा की तरह ठंडे बसते में डाल दिया जायगा…..