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समीर वानखेड़े:
राज्य में महागठबंधन सरकार द्वारा शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री प्यारी बहन योजना’ शुरू से ही चर्चा में रही है। इस योजना के माध्यम से लाभार्थी महिलाओं के बैंक खातों में हर महीने 1500 रुपये जमा किये जा रहे हैं। लेकिन अब सरकार ने इस योजना के लाभार्थियों का सत्यापन शुरू कर दिया है, तो कई महिलाओं में चिंता का माहौल फैल गया है। जिन लाभार्थियों को बताया जाएगा कि उनके पास योजना के तहत चार पहिया वाहन हैं, उनके घर जाकर सत्यापन किया जाएगा तथा कुछ अपात्र महिलाओं के नाम सूची से बाहर करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इसलिए अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सत्यापन पूरा होने तक प्रिय बहनों को इस माह का लाभ नहीं मिलेगा।
मुख्यमंत्री मेरी प्यारी बहना योजना के तहत दो करोड़ 59 लाख महिला लाभार्थी हैं। उन्हें सरकारी खजाने से हर महीने 3,885 करोड़ रुपये चुकाने पड़ते हैं। कुछ महिला लाभार्थी ऐसी भी हैं जो अन्य योजनाओं से भी लाभ प्राप्त कर रही हैं। लेकिन अब संजय गांधी निराधार योजना, नमो शक्ति योजना और लड़की बहिन योजना का लाभ स्वेच्छा से ठुकराने वाले लाभार्थियों की संख्या पांच लाख 40 हजार तक पहुंच गई है। वर्तमान में चार पहिया वाहन रखने वाली लाभार्थी महिलाओं के नामों का सत्यापन भी चल रहा है। इसलिए, तथ्य यह है कि जब तक सत्यापन पूरा नहीं हो जाता, प्रिय बहनों को लाभ नहीं मिलेगा।
इस योजना की घोषणा विधानसभा चुनाव से पहले की गई थी, लेकिन कुछ महीनों के भीतर ही इस योजना को लेकर कुछ शिकायतें सामने आने लगीं। इसके अनुसार अब यह जांच की जा रही है कि मापदंड के अनुसार कितनी अपात्र महिलाएं इस योजना का लाभ ले रही हैं। प्रथम चरण में महिला लाभार्थियों के चार पहिया वाहनों का सत्यापन किया जा रहा है। संबंधित महिलाओं के नामों की सूची आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दे दी गई है और आठ दिनों के भीतर सत्यापन रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी। इसके बाद फरवरी माह की धनराशि शेष प्यारी बहनों में वितरित की जाएगी। उम्मीद है कि मार्च का महीना इसके लिए उज्ज्वल होगा। वहीं दूसरी ओर अब लाडली बहनों का सत्यापन नहीं होने से उन्हें मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का लाभ भी मिलना बंद हो गया है।
वहीं, मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना की महिला लाभुक जिनके नाम पर चार पहिया वाहन है, उनका सत्यापन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा किया जा रहा है। इसमें अभी आठ से दस दिन और लगेंगे। बताया गया है कि इसके बाद इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी और सरकार स्तर पर निर्णय लिया जाएगा।
यह मुख्यमंत्री की लड़की बहिन योजना की मार की तस्वीर है। वित्त मंत्रालय ने विभिन्न विभागों में खर्च में कटौती की है।
महाराष्ट्र राज्य के वित्त विभाग का वर्ष 2024-25 के लिए संशोधित बजट अंतिम रूप दे दिया गया है। राज्य में विभिन्न विभागों पर कितनी धनराशि खर्च की जानी चाहिए, इसका अनुमान लगा लिया गया है। कुल वार्षिक आबंटन का केवल 70 प्रतिशत ही खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं। इस 70 प्रतिशत में से 100 प्रतिशत धनराशि निम्नलिखित विभागों पर खर्च की जाएगी: पेंशन, छात्रवृत्ति और वजीफा, सहायक सब्सिडी वाले वेतन, ऋण और अग्रिम, ऋण चुकौती और अंतर-खाता हस्तांतरण।
पुरस्कार, विदेश यात्रा व्यय, प्रकाशन, कंप्यूटर व्यय, अन्य प्रशासनिक व्यय, लोक कल्याण व्यय, लघु निर्माण, रियायती अनुदान,
वित्त मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि यदि विनिर्माण अनुदान, मोटर वाहन, मशीनरी, बड़े निर्माण या निवेश के लिए धन की आवश्यकता है, तो 18 फरवरी तक वित्त विभाग को एक विवरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए।