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ट्रंप ने शुरू की ट्रेड वार ! आर्थिक आपातकाल का ऐलान, कनाडा-मेक्सिको और चीन पर लगाए कड़ा शुल्क..

ट्रंप का नया शिकार बनेंगे 27 देश, बोले- "अब हम यूरोप को सिखाएंगे सबक"

अमेरिका का दोबारा राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप जो एक के बाद एक फैसले ले रहे हैं, उससे दुनियाभर में हड़कंप मचा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने ऐसा फैसला लिया जिससे कनाडा, मैक्सिको और चीन बौखला गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फैसले के बाद ट्रेड वर्ल्ड वॉर शुरू होने की आशंका बढ़ गई है। ट्रंप ने भारत के दो दुश्मन देश चीन और कनाडा समेत मैक्सिको के खिलाफ एक बड़ा फैसला लिया। जिसमें इन तीन देशों से आने वाले समान पर टैरिफ टैक्स को कई गुणा बढ़ा दिया गया। जिससे बवाल मच गया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कनाडा, मैक्सिको और चीन से आने वाले समान पर एक झटके में अचानक कई गुणा टैरिफ बढ़ा दिया है। जिसमें कनाडा पर 25 फीसदी टैक्स लगाया। मैक्सिको पर 25 फीसदी टैक्स लगाया और चीनी सामान पर 10 प्रतिशत टैरिफ टैक्स लगाया गया। वहीं इस टैक्स को लगाने के पीछे ट्रंप ने दो वजहें भी बताई। जिसमें पहली वजह आर्थिक घाटा और दूसरे इन देशों से आने वाली ड्रग्स को बताया। इसे इंटरनेशनल इमरजेंसी एक्ट के तहत लगाने की बात करते हुए ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिकी नागरिकों को सुरक्षित करने के लिए ये कदम उठाना जरूरी था। अमेरिका (US) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप(Donald Trump) ने मेक्सिको (Mexico), कनाडा (Canada) और चीन (China) से आयात होने वाली वस्तुओं पर कड़े शुल्क लगाने संबंधी एक आदेश पर शनिवार को हस्ताक्षर किए जिसके तत्काल बाद देश के उत्तरी अमेरिकी पड़ोसियों की जवाबी कार्रवाई से व्यापार युद्ध की आशंका प्रबल हो गई है। राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया पर साझा किए अपने ‘पोस्ट’ में कहा कि ये शुल्क ‘‘अमेरिकियों की सुरक्षा के लिए” आवश्यक हैं। ट्रंप ने तीनों देशों पर ‘फेंटेनाइल’ (दर्द निवारक दवा) के अवैध निर्माण एवं निर्यात पर अंकुश लगाने तथा कनाडा और मेक्सिको पर अमेरिका में अवैध आव्रजन को रोकने का दबाव डाला।


ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार अभियान में इन देशों पर शुल्क लगाने की बात कही थी और इस दिशा में कदम उठाकर उन्होंने अपना एक वादा तो पूरा कर दिया है लेकिन इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल होने की आशंका है। ये शुल्क लगाने से मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका है और इससे मतदाताओं का इस बात में भरोसा खत्म हो सकता है कि ट्रंप अपने वादे के अनुसार किराने का सामान, गैसोलीन, आवास, ऑटोमोबाइल और अन्य वस्तुओं की कीमतें नीचे ला सकते हैं। ट्रंप ने चीन से सभी प्रकार के सामान के आयात पर 10 प्रतिशत और मेक्सिको एवं कनाडा से आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने के लिए आर्थिक आपातकाल की घोषणा की तथा कनाडा से आयातित तेल, प्राकृतिक गैस और बिजली समेत ऊर्जा पर 10 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाएगा।

इस कार्रवाई से अमेरिका और उसके दो सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों मेक्सिको और कनाडा के साथ आर्थिक गतिरोध पैदा हो गया है। ट्रंप के इस कदम के बाद मेक्सिको के राष्ट्रपति ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए शुल्क लगाने का आदेश दिया। कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका देश 155 अरब डॉलर तक के अमेरिकी आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाएगा। चीन ने ट्रंप के इस कदम पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने शनिवार को कहा कि अमेरिकी शराब और फलों के 30 अरब डॉलर के व्यापार पर कनाडाई शुल्क मंगलवार से उसी समय लागू हो जाएगा, जब अमेरिकी शुल्क प्रभावी होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘इसका अमेरिकी लोगों पर वास्तव में असर पड़ेगा।” उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप किराने का सामान और अन्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाएंगी। ट्रूडो ने उन कनाडाई लोगों के विचारों को व्यक्त किया जिन्हें लग रहा है कि उनके पड़ोसी एवं दीर्घकालिक सहयोगी अमेरिका ने उन्हें धोखा दिया।

उन्होंने अमेरिकियों को याद दिलाया कि कनाडाई सैनिकों ने अफगानिस्तान में उनके साथ लड़ाई लड़ी थी और कैलिफोर्निया के जंगल में लगी आग से लेकर ‘कैटरीना’ तूफान तक असंख्य संकटों से निपटने में उनकी मदद की थी। ट्रूडो ने कहा, ‘‘व्हाइट हाउस द्वारा आज की गई कार्रवाई ने हमें एक साथ लाने के बजाय अलग कर दिया है।” वहीं मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम ने कहा कि उन्होंने अपने अर्थव्यवस्था सचिव को जवाबी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है जिसमें मेक्सिको के हितों की रक्षा के लिए शुल्क लगाना और अन्य कदम उठाना शामिल हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘हम व्हाइट हाउस के इस आरोप को पूरी तरह अस्वीकार करते हैं कि मेक्सिको सरकार का आपराधिक संगठनों के साथ गठजोड़ है। हम अपने क्षेत्र में दखल देने की हर मंशा का विरोध करते हैं।”

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा और चीन पर टैरिफ लगाने के बाद अब यूरोपीय संघ (EU) पर भी कड़े व्यापारिक प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर ली है। उन्होंने साफ कहा कि अमेरिका लंबे समय से व्यापार घाटे में है और अब वह इस असंतुलन को खत्म करेंगे। ट्रंप ने कहा, “हम यूरोपीय संघ पर भी टैरिफ लगाएंगे क्योंकि उन्होंने सालों से हमारा फायदा उठाया है। मैं तारीख नहीं बता रहा, लेकिन यह बहुत जल्द होगा।” ट्रंप का कहना है कि अमेरिका कुल 27 देशों के साथ व्यापार घाटे में है, जिसमें यूरोपीय संघ प्रमुख रूप से शामिल है।

इससे पहले, ट्रंप ने मेक्सिको और कनाडा के आयात पर 25% टैरिफ लगाया था और चीन पर अतिरिक्त 10% शुल्क बढ़ाया था। उनका मानना है कि अमेरिका को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए यह जरूरी कदम है। ट्रंप ने कहा, “यूरोप हमारे साथ व्यापार करके आगे बढ़ रहा है, लेकिन हमें कोई लाभ नहीं मिल रहा। अब अमेरिका को फिर से महान बनाने के लिए यह कदम उठाना जरूरी है।” विशेषज्ञों का मानना है कि उनके इस फैसले से अमेरिका में महंगाई बढ़ सकती है और आर्थिक विकास प्रभावित हो सकता है। डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय देशों की सैन्य निर्भरता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि “यूरोप को अपनी सुरक्षा के लिए खुद खर्च करना चाहिए। वे अमेरिका के भरोसे कब तक रहेंगे?” उन्होंने यूरोपीय देशों से अपने डिफेंस बजट बढ़ाने और अपने हथियार खुद खरीदने का आग्रह किया।

यूरोपीय संघ (EU) ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि अगर अमेरिका व्यापार प्रतिबंध लगाता है, तो वे भी जवाबी कदम उठाएंगे। ट्रंप प्रशासन ने साउथ अफ्रीका को मिलने वाली अमेरिकी फंडिंग पर भी रोक लगा दी है। ट्रंप का कहना है कि “इस देश में एक खास वर्ग के साथ गलत व्यवहार हो रहा है, जब तक इसकी जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई फंडिंग नहीं दी जाएगी।” टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भी ट्रंप के इस एजेंडे का समर्थन किया है। उन्होंने कहा था कि “अमेरिका की तरह ही यूरोप को भी एक अभियान चलाना चाहिए ‘मेक यूरोप ग्रेट अगेन’।” ट्रंप का कहना है कि “अमेरिकियों को इन फैसलों से कुछ समय के लिए परेशानी हो सकती है, लेकिन यह अमेरिका के भविष्य के लिए जरूरी है।” उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि “जो भी अमेरिका से प्यार करता है, वह हमारे फैसलों के साथ रहेगा।”

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Vishal Leel

Sr Media person & Digital Creator
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