कोटा समरस साहित्य संस्थान कोटा की ओर से आयोजित पुरस्कार एवं सम्मान समारोह के अंतर्गत हाड़ौती अंचल के लेखक लेखिकाओं का सम्मान किया गयाएवं वरिष्ठ पत्रकार पुरषोत्तम पंचोली का विभिन्न संस्थाओं की ओर से नागरिक अभिनंदन किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता जितेन्द्र निर्मोही एवं रामेश्वर शर्मा रामू भैया ने की और मुख्य अतिथि योगेन्द्र शर्मा निदेशक शिशु भारती शिक्षण संस्थान कोटा थे। आयोजन की विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर डॉ प्रीति मीणा और डॉ शशि जैन थी। समारोह में दीप प्रज्वलन के बाद शशि जैन द्वारा सरस्वती वंदना की गई। डॉ प्रभात सिंघल की ओर से मुख्य वक्ता कथाकार समीक्षक विजय जोशी को मंच पर आहूत किया। विजय जोशी ने कहा यह आयोजन वरिष्ठ पत्रकार पुरषोत्तम पंचोली शब्द शिल्पी हैं उनका साहित्यकार स्वरूप अद्भुत है। उनका अभिनंदन इस आयोजन के केन्द्र में है।इस आयोजन में ई पत्रिका का लोकार्पण होगा साथ डॉ प्रभात सिंघल जी द्वारा आयोजित श्रंगार विषय को लेकर गद्य आलेख और पद्य कविताओं के प्रतिभागियों में से प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त लेखक लेखिकाओं का समादरण किया जाएगा। स्वागत उद्बोधन राजेंद्र जैन अध्यक्ष समरस संस्थान कोटा ने दिया। सभा को डा सुधीर गुप्ता, डॉ अतुल चतुर्वेदी पत्रकार प्रकोष्ठ अध्यक्ष ने संबोधित कर पुरषोत्तम पंचोली के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि योगेन्द्र शर्मा, विशिष्ट अतिथि डॉ प्रीति मीणा और रामेश्वर शर्मा रामू भैया ने भी विचार व्यक्त किए। पुरषोत्तम पंचोली का सम्मान रेखा पंचोली आर्यन लेखिका मंच कोटा, स्नेहलता शर्मा अध्यक्ष रंगितिका संस्था कोटा, ज्ञान भारती संस्था कोटा, काव्य मधुबन कोटा आदि ने किया।अध्यक्ष जितेंद्र निर्मोही ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह आयोजन पत्रकारों, साहित्यकारों और संस्थाओं का एक दिवसीय महाकुंभ है। पुरषोत्तम पंचोली का सम्मान पत्रकारिता ही नहीं साहित्य जगत का भी सम्मान है।वो मोर की धरती, गोंद के पापड़ की धरती और अंजीर की मिठाई की जननी मनोहरथाना के शब्द महारथी पत्रकार हैं।वो परिचय के मोहताज नहीं है। पत्रकारिता सावचेत करती है और साहित्यकार क्रियान्वयन धीरेन्द्र राहुल जी ने यदि राजस्थानी साहित्य समारोह में यदि इस अंचल को राजस्थानी गद्य के लिए सावचेत नहीं किया होता तो आज़ इतना मूल्यपरक हाड़ौती अंचल का राजस्थानी साहित्य नहीं होता। आज़ आर्यन लेखिका मंच कोटा और रंगितिका संस्था कोटा ने महिला लेखन में अलग पहचान बना ली है। डॉ प्रभात सिंघल और समरस साहित्य संस्थान कोटा की डा शशि जैन और कोटा के अध्यक्ष राजेंद्र जैन इस आयोजन के लिए बधाई के पात्र हैं।आप सभी उपस्थित महानुभावों की बेशकीमती भागीदारी के लिए आप सभी का आभार। अंत में डा शशि जैन ने आभार व्यक्त किया।
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