
अजीत मिश्रा (खोजी)
।। बस्ती जिले के आशीष शुक्ला का आमरण अनशन शुरू — प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल।।
प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल-
बस्ती।जनपद में झंडा चौराहे पर सामाजिक कार्यकर्ता आशीष शुक्ला ने आज से आमरण अनशन शुरू कर दिया है। अनशन के दौरान उन्होंने प्रशासन, पुलिस और राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए 7 प्रमुख मांगों को रखा है। उनका कहना है कि जब तक इन मांगों पर ठोस कार्यवाही नहीं होती, तब तक अनशन जारी रहेगा।
।।आशीष शुक्ला की प्रमुख मांगें।।
1. खुटहन कांड में यादव परिवार के मृतकों को मुआवजा दिया जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ निलंबन व जांच कर सख्त कार्रवाई हो।
2. जीतीपुर कांड में जो आरोपी जेल भेजे गए हैं, उनके विरुद्ध कठोरतम धाराओं में चार्जशीट दाखिल की जाए।
3. पैकोलिया थाना प्रभारी (SO) पर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता को लेकर FIR दर्ज कर कानूनी कार्रवाई हो।
4. लालगंज रेप कांड में पीड़ित परिवार को न्याय व राहत मिले। तत्कालीन SO व बीट निरीक्षकों पर भी कर्तव्यहीनता के आरोप में कार्रवाई हो।
5. मालवीय रोड जमीनी विवाद में पुलिस व राजस्व विभाग की भूमिका की DIG के आदेश पर हुई जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।
6. कटेश्वर पार्क रेप केस और मालवीय रोड विवाद में कोतवाल बस्ती की सीधी जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाए। साथ ही, CWC प्रेरक मिश्रा की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर संबंधित पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई हो।
।। जनपद में पुलिस के रवैये को लेकर भी उन्होंने नाराजगी जताई और कहा कि-
7.थाना परिसर में आम जनता को बेइज्जत किया जा रहा है।पुलिस का भय इतना है कि लोग थाने जाने से डरते हैं।फर्जी मुकदमों की जांच करवाई जाए। थानों में मोबाइल चोरी की एफआईआर तभी दर्ज होती है जब सोगात” दी जाती है इस भ्रष्ट व्यवस्था को बदला जाये प्रशासन की चुप्पी पर सवाल अब तक प्रशासन या पुलिस विभाग की ओर से आशीष शुक्ला की इन मांगों पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं आमरण अनशन की खबर के बाद स्थानीय जनमानस और सामाजिक संगठनों में हलचल देखी जा रही है क्या प्रशासन इन गंभीर मांगों और भ्रष्टाचार के आरोपों पर गौर करेगा? या फिर एक और आंदोलनकारी को अनसुना कर दिया जाएगा?