महाराजगंज जिले के पनियरा नगर पंचायत में 17 जून को 10वीं मुहर्रम मनाया गया जिसमें विशाल संख्या में लोग दिखाई दिए और भारी संख्या में ताजिया भी देखने को मिला और यह त्यौहार शांति पूर्वक हसन हुसैन की याद में निकल गया मुहर्रम महीने के पहले दिन के साथ होती है, इसे हिजरी कैलेंडर के रूप में जाना जाता है। मुहर्रम पर अल्लाह के नेक बंदे की कुर्बानी के लिए याद रखा जाता है। मुहर्रम को पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत हुई थी, इसलिए मुहर्रम पर मातम मनाया जाता है। आइए, जानते हैं मुहर्रम का महीना इस्लाम धर्म के लोगों के लिए बहुत खास होता है। यह महीना त्याग और बलिदान की याद दिलाता है। मुहर्रम, बकरीद के 20 दिन बाद मनाया जाता है। मोहर्रम 10 दिन का होता है जिसमें रोज भी रखा जाता है मुहर्रम के दिन खुदा के नेक बंदे हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी, इसलिए मुस्लिम समुदाय के लोग इस महीने हुसैन को याद करते हुए मातम मनाते हैं। हजरत इमाम हुसैन इस्लाम धर्म बड़ा त्यौहार भी है मुहर्रम पर हुसैन की याद में ताजिया उठाया जाता है और इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, मुहर्रम इस्लाम धर्म का पहला महीना होता है। यानी मुहर्रम इस्लाम के नए साल या हिजरी सन् का शुरुआती महीना है। मुहर्रम बकरीद के पर्व के 20 दिनों के बाद मनाया जाता है। इस बार 17 जून को आशूरा या मुहर्रम मनाया जा रहा है। इस्लाम धर्म के लोगों के लिए यह महीना बहुत अहम होता है, क्योंकि इसी महीने में हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी।
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