
समीर वानखेड़े चंद्रपुर महाराष्ट्र:
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में 2012 में 40 हजार रोहिंग्या दिल्ली आए थे। इन सभी को मनमोहन सिंह ने दिल्ली में बसाया। उन्होंने लोकसभा में संकल्प लिया कि रोहिंग्या छह साल तक दिल्ली में रहेंगे। हालाँकि, 2012 से 2014 तक 12 साल बाद भी ये रोहिंग्या अभी भी दिल्ली में रह रहे हैं। पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने सनसनीखेज आरोप लगाया है कि वे वापस नहीं गए हैं। भंडारा में भाजपा जिला कार्यकारिणी की विस्तृत बैठक आयोजित की गई। इस बार वह भाजपा पदाधिकारियों के मार्गदर्शन में बोल रहे थे।
2017-21 में म्यांमार में एक और विद्रोह हुआ, जब पूरा रोहिंग्या बाहर आ गया । ये संख्या करीब 7 लाख थी। हालाँकि, ये लोग उस समय भारत नहीं आए थे। इसलिए वे बांग्लादेश चले गये। अगर उस समय सरकार हमारी नहीं होती तो 90 फीसदी रोहिंग्या त्रिपुरा के रास्ते भारत में घुस जाते। मोदी ने सीमांकन कर दिया है। तो ये रोहिंग्या रुके, यही मोदी सरकार की ताकत है। सरसंघचालक मोहन भागवतजी ने भी प्रशंसा की है कि देश अब पूरी तरह सुरक्षित हो रहा है। पूर्व केंद्रीय गृह राज्य एवं राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता देशभक्त हैं क्योंकि भाजपा देश को सुरक्षित कर रही है।