
कृषि विज्ञान केंद्र सोहना में पांच दिवसीय बागवानी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान विशेषज्ञों ने किसानों को फलदार वृक्षों की स्थापना और प्रबंधन की विस्तृत जानकारी दी।
केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ओम प्रकाश ने किसानों को सलाह दी कि फलदार वृक्षों के लिए जल भराव रहित स्थान चुनें। साथ ही पौधे केवल मान्यता प्राप्त स्रोतों से ही खरीदें।
फसल सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुमार ने मई में गड्ढे तैयार करने की सलाह दी। उन्होंने पौधरोपण के समय कीटनाशक क्लोरोपायरिफॉस के उपयोग पर जोर दिया। डॉ. शेष नारायण सिंह ने फसल अवशेषों से आच्छादन का सुझाव दिया। यह खरपतवार को नियंत्रित करने और नमी बनाए रखने में मददगार है।
उद्यान वैज्ञानिक डॉ. प्रवीण कुमार मिश्र ने वर्षा के मौसम को पौधरोपण के लिए उपयुक्त बताया। आम के पौधे के लिए उन्होंने 1x1x1 मीटर का गड्डा बनाने की सलाह दी। गड्ढे में 1 कुंतल सड़ी गोबर की खाद, 5 किलो सिंगल सुपर फॉस्फेट और 200 ग्राम क्लोरोपायरिफॉस डालने को कहा। ग्राफ्टेड
पौधों में कटिंग वाला हिस्सा जमीन से ऊपर रखना जरूरी है।
बीज वैज्ञानिक डॉ. सर्वजीत ने स्थानीय जलवायु और मिट्टी के अनुसार प्रजातियां चुनने की सलाह दी। मृदा वैज्ञानिक डॉ. प्रवेश कुमार ने बलुई दोमट मिट्टी और उचित सिंचाई प्रबंधन पर जोर दिया। कार्यक्रम में अभिषेक गिरी, रमेश चौधरी, दीपक, राम नयन और वीरेंद्र कश्यप समेत कई किसानों ने हिस्सा लिया।