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विद्युत विभाग में करोड़ों का घोटाला: कंप्यूटर ऑपरेटर पर गंभीर आरोप, कार्रवाई की मांग तेज

विद्युत विभाग में करोड़ों का घोटाला: कंप्यूटर ऑपरेटर पर गंभीर आरोप, कार्रवाई की मांग तेज

कर्नलगंज,गोंडा। विद्युत कार्यालय में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर विकास गोस्वामी पर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। इन आरोपों ने विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। समाजसेवी रमाकांत ने विकास गोस्वामी की सेवा समाप्त करने और विभागीय जांच की मांग की है। शिकायतों के बावजूद कार्रवाई न होने से मामला सोशल मीडिया पर तूल पकड़ रहा है और जिम्मेदार आला अधिकारियों की कार्यशैली गंभीर सवालिया घेरे में है। आरोप है कि विकास गोस्वामी पिछले आठ वर्षों से कर्नलगंज विद्युत कार्यालय में एक ही पद पर जमे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने फर्जी वर्क ऑर्डर और सप्लाई ऑर्डर के जरिए करोड़ों रुपये की हेराफेरी की। उनकी निजी फर्म “कृष्णा कंस्ट्रक्शन” के माध्यम से ठेकेदारी लेने का भी आरोप है, जो विभागीय नियमों की खुली अवहेलना है। इसके अलावा, गोस्वामी पर अपनी निजी गाड़ी को सरकारी वाहन बताकर भुगतान लेने का भी आरोप है।

सबसे गंभीर आरोप अधिशासी अभियंता की आईडी का दुरुपयोग कर हजारों बिलों में हेरफेर और उपभोक्ताओं के खातों से अवैध वसूली का है। इससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचा है।शिकायतकर्ताओं का दावा है कि गोस्वामी ने विभागीय लॉगिन का इस्तेमाल कर उपभोक्ताओं के बिल कम किए और इसके बदले निजी लाभ कमाया। इन गतिविधियों से विभाग की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ रहे हैं। समाजसेवी रमाकांत ने बताया कि इस संबंध में कई बार लिखित शिकायतें विभागीय अधिकारियों और उच्च स्तर पर भेजी गईं,लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के इन चेहरों को संरक्षण मिल रहा है। अब सोशल मीडिया पर इस मामले ने जोर पकड़ा है, जहां लोग विभाग की चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं। आखिर दोषियों पर कार्रवाई कब की जायेगी?विकास गोस्वामी के खिलाफ लगे इन आरोपों ने विद्युत विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया है। समाजसेवी रमाकांत ने मांग की है कि गोस्वामी की सेवा तत्काल समाप्त की जाए और पूरे मामले की निष्पक्ष विभागीय जांच हो। इस मामले ने स्थानीय प्रशासन और विद्युत विभाग के सामने गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। अब देखना यह है कि जनता के दबाव और सोशल मीडिया के बवाल के बाद क्या विभाग कोई कड़ा कदम उठाएगा।

 

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