मामला जिला बरेली तहसील फरीदपुर का है पीडिता का स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया बचत खाता संख्या-88266269034 व लोन खाता संख्या-3473263598 शाखा रजऊ परसपुर तहसील फरीदपुर जिला बरेली उ०प्र० में चल रहा था। लम्बी बीमारी एवम कोरोना काल होने के कारण पीडिता का खाता खराब हो गया। बैंक रिकबरी ऐजेन्ट शाखा प्रबन्धक श्री नीमेश कुमार द्वारा प्रार्थिनी के घर पर भेजे जाने लगे जो कि पीडिता को बार-बार धमकाते थे और कहते थे कि रूपये जमा करो नहीं जेल भिजवा दूंगा। तब ने अपना जेबर रखकर रूपयों का इन्तजाम किया। पीडिता ने दिनांक 30.07.2024 को 80,000/ रू० अपने पति श्री सुधीर रस्तोगी द्वारा उक्त बैंक में जमा करवाये पीडिता ने नीमेश कुमार से प्रार्थना की कि मेरे खाते में कुछ रिहायत कर दी जाये तो नीमेश कुमार ने एक नहीं सुनी और कहा 80,000/रू० का इन्तजाम और करो तब पीडिता ने बहुत मुश्किल से 80,000/ रू0 का इन्तजाम करके दिनाँक 01.08.2024 को अपने पति द्वारा बैंक में जमा करवाये उक्त रूपया दोनो बार नीमेश कुमार ने लिखकर अपने पास रखे। पीडिता के पति ने जब उक्त रूपयें जमा करने की रसीद मांगी तो नीमेश कुमार ने टाल-मटोल कर दिया और कहा कि रसीद का क्या करोगें सीधे अदेय प्रमाण पत्र ले जाना। पीडिता का पति कई बार उक्त बैंक मे रसीद लेने गया तो बैंक द्वारा पीडिता के पति को एक फ़र्ज़ी रसीद दी गई। तब पीडिता के पति ने कहा कि दूसरी रसीद कहां है। तभी शाखा प्रवन्धक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया शाखा नीमेश कुमार ने कहा कि मिठाई खाने के लिए बैंक को 10,000 रु० दे दो, बैंक के और भी खर्चे होते हैं। जिस पर पीडिता के पति ने कहा कि साहब मै गरीब आदमी हूँ। अब मेरे पास रूपये नहीं है। तब रजऊ परसपुर तहसील फरीदपुर जिला बरेली उ०प्र० के शाखा प्रवन्धक नीमेश कुमार ने कहा कि मै बैंक के किसी कर्मचारी द्वारा रसीद भिजवा दूंगा, तथा बरेली तहसील फरीदपुर का है पीडिता का स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया बचत खाता संख्या-88266269034 व लोन खाता संख्या-3473263598 शाखा रजऊ परसपुर तहसील फरीदपुर जिला बरेली उ०प्र० में चल रहा था करके पीडिता पास आया और कहने लगा कि नीमेश कुमार ने 10,000/ रू0 मंगाये हैं। बहुत मुश्किल से पीडिता ने 5,000/रू0 का इन्ताम करके उक्त आदमी को दिये और उससे रसीद मांगी तो वह बोला कि साहब से भिजवा दूंगा।
इसके बाद शाखा प्रबन्धक से रसीद मांगी गई तो उन्होने मेरे मोबाइल पर फ़र्ज़ी भिजवा दी रसीद की असली कापी नही दी। स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की बैंकों की कई शाखाओं में यह खेल रिकवरी ऐजेन्टों द्वारा चल रहा है कि किसान को ज्यादा पैसे बताकर कम पैसो में खाता बन्द कर दिया जाता है। किसान जो कि कम पढ़ा लिखा होता है। स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया पहले तो उसे रसीद नहीं दी जाती और रसीद मांगता है तो उसे ऐसी ही महीनों परेशान किया जाता है, और कोई अगर कोई रसीद मांगने का जोर करता है तो उसे ऐसे ही फर्जी रसीद देकर भगा दिया जाता है और किसानों द्वारा स्टेटमेन्ट मांगने पर अधिकारी कह देता है कि खराब खाते का स्टेटमेन्ट नहीं दिया जाता है। भारतीय स्टेट बैंक शाखा रजऊ परसपुर जिला बरेली का शाखा प्रबन्धक श्री नीमेश कुमार बगुले की तरह बहुत कम बोलता है, और बड़ी बड़ी मछली का शिकार करता है। उक्त शाखा प्रबन्धक ने कई किसानों के साथ ऐसी ही धोखाधड़ी की है। उक्त शाखा प्रबन्धक श्री नीमेश कुमार की गुप्त रूप से जाँच कराकर उच्चाधिकारियों द्वारा इससे द्वारा जो खाते बन्द हुए है गाँव गाँव जाकर किसानों से पूंछताछ करके पता कर ले और उक्त शाखा प्रबन्धक नीमेश कुमार के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करके दण्डित करें। जिससे आपकी बैंक की छवि समाज में खराब न हो। बैंक व सरकार की सुरक्षा हो। उक्त बैंक मैनेजर के खिलाफ यदि कोई उचित कार्यवाही नहीं की गई तो पीडिता अपने पूरे परिवार के साथ आमरण अनशन पर बैठ जायेगी 2,508