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*अमित शाह के लिए बाबूलाल के घर में भाजपा की वापसी की होगी चुनौती*

2014 के विधानसभा चुनाव में छह में से चार सीटें जीतने वाली भाजपा का 2019 में मुश्किल से खुला था खाता

इस बार झामुमो के चक्रव्यूह को तोड़कर एक से चार तक पहुंचना नहीं होगा आसान, कल्पना के मोर्चा संभालने से और ताकतवर हुआ है झामुमो, माले-झामुमो गठबंधन हुआ तो चुनौती और बढ़ेगी

गिरिडीह :
ऐतिहासिक देवस्थल झारखंडधाम जो गिरिडीह जिले के जमुआ विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है में शुक्रवार को पूजा अर्चना के बाद जनसभा को संबोधित कर देश के गृह मंत्री एवं भाजपा के कुशल रणनीतिकार अमित शाह झारखंड विधानसभा के लिए चुनावी बिगुल फूंकेंगे। गिरिडीह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद के भाजपा के संभावित चेहरा बाबूलाल मरांडी का गृह जिला है। अमित शाह के लिए बाबूलाल के इस गृह जिले गिरिडीह में भाजपा की वापसी एक बड़ी चुनौती होगी। वैसे इस बार बाबूलाल मरांडी के साथ होने से भाजपा की ताकत जरूर बढ़ी है। इसके बावजूद गिरिडीह जिले में झामुमो के चक्रव्यूह को तोड़कर पुराने आंकड़े तक भाजपा को पहुंचाना अमित शाह के लिए बड़ी चुनौती होगी। 2019 के विधानसभा चुनाव में गिरिडीह जिले में भाजपा का बड़ी मुश्किल से खाता खुला था। भाजपा यहां सिर्फ एक सीट जमुआ जीत सकी थी। जमुआ से केदार हाजरा विजयी हुए थे। बाबूलाल मरांडी राजधनवार से जीते थे, लेकिन अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा से। बाद में उन्होंने अपनी पार्टी झाविमाे का भाजपा में विलय कर दिया था।
पिछले चुनाव में झामुमो तीन सीटें गिरिडीह, गांडेय और डुमरी जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। वहीं भाकपा माले के विनोद कुमार सिंह भाजपा के नागेंद्र महतो से अपनी सीट बगोदर वापस लेने में सफल रहे थे। 2014 के चुनाव की बात करें तो भाजपा गिरिडीह, गांडेय, बगोदर और जमुआ सीट जीती थी।

गिरिडीह से निर्भय कुमार शाहाबादी, जमुआ से केदार हाजरा, बगोदर से नागेंद्र महतो और गांडेय से प्रो. जयप्रकाश वर्मा जीते थे। पांच साल बाद हुए चुनाव में इन विधायकों में से सिर्फ केदार हाजरा ही वापसी कर सके थे। इस बार भी यहां भाजपा के लिए 2014 का प्रदर्शन दुहराना आसान नहीं होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के गांडेय से विधायक बनने के बाद झामुमो यहां और ताकतवर बनकर उभरा है। लोकसभा चुनाव के तरह यदि भाकपा माले से झामुमो का विधानसभा चुनाव में तालमेल हो गया तो भाजपा की चुनौती और बढ़ जाएगी। ऐसी स्थिति में भाजपा को बाबूलाल मरांडी की विधानसभा सीट राजधनवार में ही कड़ी चुनौती मिलेगी। भाजपा नेतृत्व गिरिडीह की राजनीतिक परिस्थिति से पूरी तरह अवगत है। यही कारण है कि परिवर्तन यात्रा में भाजपा ने अपने दूसरे सबसे बड़े स्टार लीडर अमित शाह को गिरिडीह जिल में उतार दिया है। भाजपा शुरूआत से ही गिरिडीह जिले में बढ़त लेने की रणनीति पर काम कर कर रही है। इस संबंध में परिवर्तन यात्रा के प्रभारी व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डाँ रविंद्र कुमार राय का कहना है कि परिवर्तन यात्रा से पूरे गिरिडीह जिले ही नहीं पूरे झारखंड की राजनीतिक फिजां बदल जाएगी। भाजपा गिरिडीह की सभी छह विधानसभा सीटों पर इस बार कब्जा कर रिकार्ड बनाएगी। झामुमो, राजद, कांग्रेस और माले को राज्य की जनता पूरी तरह से इस बार खारिज कर देगी।

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