सिद्धार्थनगर। जिले में मौजूद 28 राजकीय विद्यालयों में सुविधाएं, तो खूब मिल रही है। लेकिन टॉपरजिले के एक भी राजकीय विद्यालय के छात्रों का नाम नहीं मिल रहा है। जिम्मेदारों का माने तो शिक्षकों की कमी से राजकीय विद्यालय के छात्रों का परिणाम अव्वल नहीं आ रहा है। जिले में 18 हाईस्कूल तक राजकीय विद्यालय है। जबकि 10 राजकीय विद्यालयों में इंटर तक की पढ़ाई होती है। लेकिन कागजों में सुविधा का संचालन होने से छात्रों को पठन पाठन कार्य करने में असुविधा हो रही है। शहर में मौजूद राजकीय इंटर कॉलेज व राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में विज्ञान वर्ग के इंटर के शिक्षक नहीं हैं। शिक्षकों कमी से छात्रों को कई बार जिले के राजकीय विद्यालय 10वीं और 12वीं की पढ़ाई में कमजोर साबित हुए थे। बोर्ड परीक्षा का जारी हुए रिजल्ट में जिले के टॉप टेन में इन विद्यालयों का एक भी छात्र नहीं थे। इस रिजल्ट से शिक्षा विभाग में खलबली भी मची थी। उसके बाद प्रधानाचार्यों के कार्यशाला पर भी सवाल खड़ा हुआ था। लेकिन जिम्मेदारों ने शिक्षकों की कमी को दिखाते हुए लिपापोती कर दी थी।
राजकीय विद्यालय में विज्ञान वर्ग के एक भी शिक्षक नहीं : शहर में डीआईओएस कार्यालय के पीछे बना राजकीय इंटर कॉलेज हाईस्कूल के छात्रों को अधिकतम परिणाम 85 प्रतिशत गया था। जबकि इंटर का अधिकतम परिणाम 80 से भी नीचे रहा। वहीं विद्यालय में इंटर के छात्रों को पढ़ाने के लिए भौतिक, रसायन व जीव विज्ञान के विषय के शिक्षक नहीं है। इससे छात्रों को कोर्स समय से पूरा नहीं होता है।