IAS Story, Prayagraj DM: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की परीक्षा को लेकर मचे बवाल के बीच स्थानीय डीएम ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी. उल्टा उन्हीं को नसीहत सुनने को मिल गई. आइए जानते हैं कि ये आईएएस अधिकारी कौन हैं?
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की पीसीएस (PCS) और आरओ (RO)-एआरओ (ARO) परीक्षा को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अभी भी प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े हैं. अभ्यर्थियों की मांग है कि परीक्षा एक दिन और दो पालियों में कराई जाए. इसके अलावा, परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला लागू न किया जाए. बता दें कि पीसीएस प्री की परीक्षा सात और आठ दिसंबर को होनी है, वहीं आरओ और एआरओ की परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को होगी. इसी बीच, प्रदर्शनकारी छात्रों से बातचीत करने पहुंचे स्थानीय डीएम और पुलिस कमिश्नर को भी अभ्यर्थियों ने कई नसीहतें दे डाली. कुछ प्रदर्शनकारियों ने ये तक कह डाला कि अगर आपके समय में भी यह फॉर्मूला लागू किया गया होता, तो आप भी आईएएस नहीं बन पाते. ऐसे में आइए जानते हैं कि यह डीएम कौन हैं और वह कैसे यूपीएससी पास करके आईएएस अधिकारी बने.
प्रयागराज के जिलाधिकारी हैं रविन्द्र कुमार मंडर (IAS Ravindra Kumar Mandar). वह वर्ष 2013 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. रविन्द्र कुमार मूल रूप से राजस्थान के जयपुर के रहने वाले हैं. 1988 को जन्मे रविन्द्र कुमार की पढ़ाई-लिखाई यहीं से हुई. ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और वर्ष 2013 में यूपीएससी परीक्षा पास करके आईएएस बने. 2015 में आईएएस अकादमी मसूरी से ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उनकी पहली नियुक्ति फिरोजाबाद में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के तौर पर हुई, जहां वह वर्ष 2017 तक रहे. इसके बाद उन्हें आगरा का मुख्य विकास अधिकारी बनाया गया. 2019 में उनका तबादला वृन्दावन-मथुरा के नगर आयुक्त के पद पर हो गया. वर्ष 2021 में उन्हें रामपुर जिले का कलेक्टर बनाया गया. इसके बाद उनका ट्रांसफर जौनपुर डीएम के लिए हुआ था. सितंबर महीने तक वह जौनपुर में रहे, जिसके बाद उनका ट्रांसफर प्रयागराज के लिए हुआ. अब वह यहां के डीएम हैं.
पहले पहुंचे थे मंदिर, फिर संभाली कुर्सी
बताया जाता है कि जब रविन्द्र कुमार मंडर सितंबर महीने में जौनपुर से प्रयागराज पहुंचे थे, तो उन्होंने सबसे पहले गंगा किनारे लेटे हनुमानजी के मंदिर पहुंचकर मत्था टेका था. उसके बाद कुर्सी संभाली थी. उसके बाद अफसरों से मुलाकात की थी. अब जब प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन चल रहा है, तो वह उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव के साथ उन्हें समझाने-बुझाने पहुंचे थे, लेकिन बात नहीं बन सकी.
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बनवाए 900 से अधिक तालाब
रविन्द्र कुमार मंडर उस समय भी काफी चर्चा में रहे जब उन्होंने बतौर रामपुर जिलाधिकारी ‘अमृत सरोवर योजना’ के तहत जिले भर में 900 से अधिक तालाब बनवाए. मिशन समर्थ चलाकर उन्होंने 61 दिव्यांग बच्चों की सर्जरी भी कराई. बताया जाता है कि रामपुर का डीएम रहते हुए रविन्द्र कुमार मंडर ने काफी काम किया जिसकी काफी चर्चा रही. उन्हें पीएम अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन का पुरस्कार भी मिल चुका है