सीधी । लोक धन का किस तरह दुरुपयोग हो रहा है जो सरे आम है फिर भी जिम्मेदार अनजान है या फिर अनजान ब नने का नाटक कर रहे हैं या फिर यह भी हो सकता है कि इसमें उनकी मौन सहमति हो इसीलिए जांच के नाम पर लीपापोती की जा रही है।
आदिवासी बाहुल्य विकासखंड क्षेत्र कुसमी की ग्राम पंचायत गैवटा जहां ई भुगतान आदेश क्रमांक 1750728 दिनांक 3 अगस्त 2018 में देव बिल्डकॉन के एक बिल पर 4 लाख 28760 और दूसरे बिल पर 1181 रुपए का भुगतान ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक सह प्रभारी सचिव राघवेंद्र प्रसाद यादव और तत्कालीन सरपंच द्वारा आहरित किया गया जबकि दोनों ही बिल पूरी तरह से कोरे हैं और इनमें कोई भी तारीख अंकित नहीं है। जागरूक नागरिकों द्वारा जब इसकी लिखित शिकायत मय संपूर्ण दस्तावेजों के साथ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कुसमी के समक्ष की गई तो वहां कई महीनो तक जांच के नाम पर लीपापोती हुई।
जागरूक नागरिकों द्वारा इसकी शिकायत जब सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से प्रशासन के संज्ञान में लाने के लिए की गई तो जांच में निष्कर्ष निकाला गया कि शिकायत पंचायत दर्पण पोर्टल के आधार पर की गई है जो की पूरी तरह से तथ्यहीन है। गौर तलब है कि पंचायत दर्पण पोर्टल पर जो जानकारी अपलोड की जाती है वह रोजगार सहायक और सचिव द्वारा अपनी लॉगिन आईडी और पासवर्ड के जरिए की जाती है तो क्या पंचायत सचिव रोजगार सहायक द्वारा अपलोड किए गए यह बिल जिनमे उनके हस्ताक्षर और पदमुद्रा भी लगी हुई है फर्जी है। जिम्मेदार प्रशासन को यह बताना चाहिए की पंचायत दर्पण पोर्टल पर दर्ज की गई जानकारी को सत्य नहीं माना जाना चाहिए उसे पर गलत जानकारी थी दर्ज की जाती है जिसे गंभीरता से ना लिया जाए और मध्य प्रदेश शासन से आग्रह करना चाहिए की सार्वजनिक हित में इस जानकारी को विशेष रूप से प्रसारित किया जाना चाहिए ताकि पंचायत दर्पण पोर्टल पर दर्ज जानकारी को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा ना हो। पंचायत दर्पण पोर्टल पर दर्ज की गई जानकारी को लेकर प्रशासन खुद ही स्वयं को कटघरे में खड़ा कर रहा है और आम जनमानस को भ्रमित करने की फिराक में है। एक क्लिक पर दिखाई देने वाली हकीकत से अधिकारी अनजान बन रहे हैं और जांच के नाम पर लोक धन के दुरुपयोग अगर गबन जैसे गंभीर मामलों को दबाने की कोशिश की जा रही है।