उईकुशीनगर। उप कृषि निदेशक आशीष कुमार ने अवगत कराया है कि जनपद में पराली जलाने की घटनाओं में निरंतर वृद्धि को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने कठोर कदम उठाते हुए किसानों पर जुर्माना अधिरोपित करने की बड़ी कार्यवाही की है। जनपद में अब तक परली जलने की 56 घटनाएं रिपोर्ट में आई है जिस पर गंभीर होकर हाटा तहसील द्वारा 39, कसया तहसील द्वारा 19 एवं कप्तानगंज तहसील द्वारा दो किसानों पर नियमानुसार जुर्माना अधिरोपित करने के कार्यवाही की गई है।
जिलाधिकारी द्वारा राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को पराली जलाने की घटना के संबंध में कार्यवाही करने में शिथिलता न बरतने के निर्देश दिए गए हैं। बिना स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम या पराली प्रबंधन के यंत्र के साथ धान कटाई कर रहे कंबाइन हार्वेस्टरों को तत्काल सीज़ करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने किसानों से उन्नतशील कृषि यंत्रों जैसे मल्चर, रोटरी स्लैशर, स्ट्रा रीपर एवं पैडी स्ट्रा चाॅपर आदि का प्रयोग करते हुए पराली का उपयोग खेत में ही करने का अनुरोध किया जिससे वह किसी भी प्रकार की कानूनी कार्यवाही से बच सकें। जिन गांवों में एक से अधिक घटनाएं प्रकाश में आई है उनके प्रधानों को भी कठोर निर्देश जारी किए गए हैं कि वह अपने क्षेत्र में पराली जलने की घटनाओं पर अंकुश लगाना सुनिश्चित करें। कृषि विभाग द्वारा पराली प्रबंधन हेतु बायो डी कंपोजर की व्यवस्था की गई है जिसका वितरण राजकीय बीज भंडारों के माध्यम से किसानों के मध्य निःशुल्क कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त गांव में डुग्गी-मुनादी एवं प्रचार वाहनों के माध्यम से पराली ना जलाने की अपील की जा रही है। उप कृषि निदेशक आशीष कुमार द्वारा किसानों से अनुरोध किया गया है कि वह गेहूं की बुवाई सीधे सुपरसीडर के माध्यम से करें एवं पराली को खेत में ही दबा कर खाद बनाने का कार्य करें एवं किसी भी दिशा में पराली को ना जलाएं। उन्होंने किसानों से पराली को समीप की निराश्रित गौशाला में दान करते हुए किसानों को पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देने की अपील की।