जिला सतना चित्रकूट बना दबंगो का ठिकाना
पुलिस इस्पेक्टर पंकज शुक्ला द्वारा कैसे की जा रही तरफ दारी
और बाल मुकुंदाचार्य की नही लिखी गई रिपोर्ट
०२ जून की घटना को जान बूझ कर दूसरी दिशा में घुमाया जा रहा है जिससे हिस्ट्री शीटर्स गुंडों को बचाया जा सके क्योंकि आचार संहिता लगे होने के बावजूद ,दखलपात्र गुनाह किए गए हैं।
२०-२५ हथियार बंद गुंडे संत जी के घर में घुसते हैं, उनको मारपीट कर , एक कमरे में बंधक बनाते हैं, घर में घुस कर लूट पाट करते हैं और उनका सामान तहत नहस कर , पेट्रोल डालकर ज़िंदा जला देने की धमकी देते हुए , सामान बाहर फेंक देते हैं जबकि बाल मुकुंदाचार्य जी वहाँ पर ४० वर्षों से काबिज थे ।
अपराधी शुक्ला है ।
मदद करने वाला पुलिस इंस्पेक्टर पंकज शुक्ला है ।
नायब तहसील दार हिमांशु शुक्ला हैं।उसी शुक्ला के द्वारा दिये गये मुफ़्त निवास में रहते हैं।
और आका भी शुक्ला है ।
शुक्ला रैकेट कोई संयोग नहीं अपितु सोची समझी रणनीति के तहत षड्यंत्र चल रहा है जिससे चित्रकूट क्षेत्र की शासकीय / ग़ैर शासकीय ज़मीनों , मठ-मंदिरों पर अवैध कब्जा किया जा सके ।
अब ०२ जून की लिखी गई , गुमराह करने वाली रिपोर्ट पर चर्चा करते हैं।
पुलिस द्वारा रिपोर्ट न लिखे जाने पर ०३ जून को SP-सतना को प्रतिवेदन दिया गया था जिसमे उपरोक्त सभी घटनाओं का ज़िक्र किया गया था ।
उन दिनों प्रकाशित सभी लोकल न्यूज़ पेपर और चैनलों में भी इसका उल्लेख किया गया था ।
बनवासी राम मंदिर व आस पास लगे सीसीटीवी फुटेज भी देखी जा सकती है ।
और तो और पंकज शुक्ला का एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमे वो ख़ुद बोल रहे हैं कि ०२ जून की रिपोर्ट लिखवाने बाल मुकुंदाचार्य जी नहीं आये ।इसका मतलब पंकज शुक्ला ने कूट रचना करके कोई ग़लत दस्तावेज दिखाएं और बताये हैं और पद का दुरुपयोग करते हुए अपने कर्तव्यों से छल कर रहे हैं।
कुछ दिन पहले ,एक सीएम हेल्पलाइन की जाँच रिपोर्ट में नायब तहसील दार – हिमांशु शुक्ला ने लिखा था कि वनवासी राम मंदिर पटवारी हल्का ३४, खसरा नंबर -२१४ के ६५ * ७५ पर निर्मित है जो कि शासकीय ज़मीन है तो दस्तावेज किसी और के नाम कैसे बन सकते हैं??
और मंदिर का निर्माण श्री राम किशन यादव जी ने करवाया था ।४० साल से वैधानिक रूप से कब्जा श्री बाल मुकुंदाचार्य जी का था तो पुलिस द्वारा (पंकज शुक्ला ) अपने तथा कथित गुरु को अवैध कब्जा कैसे दिलवा सकती है ।
उपरोक्त तथ्यों को मद्देनज़र रखते हुए पंकज शुक्ला को सस्पेंड कर , पुलिस को निर्देशित किया जाये कि भारतीय न्याय संहिता की उचित धराओ में FIR दर्ज कर हिस्ट्री शीटर्स गुंडों पर कार्यवाही की जाए ।