समीर वानखेड़े चंद्रपुर महाराष्ट्र:
पुणे के सहकारिता आयुक्त और रजिस्ट्रार ने अदालत में लंबित अवमानना याचिका की सुनवाई तक चंद्रपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक की भर्ती को निलंबित कर दिया है। इससे जिला बैंक अध्यक्ष व बल्लारपुर कांग्रेस प्रत्याशी संतोष सिंह रावत व संचालक मंडल में हलचल मची हुई है ।
चंद्रपुर जिला बैंक में 360 सीटों पर भर्ती का मामला शुरू से ही चर्चा में रहा है। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में भर्ती प्रक्रिया को प्रचार अभियान का मुद्दा बनाया था। लेकिन विधानसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता के कारण जिला बैंक की भर्ती प्रक्रिया पहले ही निलंबित कर दी गई है। भर्ती प्रक्रिया 15 और 17 नवंबर को आयोजित की जानी थी। बैंक में नौकरी की भर्तियां पिछले कई सालों से अटकी हुई हैं।
बैंक कर्मचारियों की भर्ती को लेकर हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की गई थी। 19 अक्टूबर 2023 को हुई सुनवाई के दौरान बैंक ने हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। इसमें कहा गया कि कर्मचारियों की भर्ती टीसीएस के जरिए की जाएगी। इसके बाद 20 अक्टूबर 2023 को इस याचिका का निपटारा कर दिया गया। लेकिन बैंक के निदेशक मंडल ने इस हलफनामे को नजरअंदाज कर दिया। संकल्प लेने के बाद भर्ती के लिए कंपनी आईटीआई लिमिटेड का चयन कर भर्ती प्रक्रिया आयोजित की गई।
ऑनलाइन परीक्षा की तारीख भी घोषित कर दी गई है। लेकिन आचार संहिता के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। उधर, बैंक के भर्ती फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में अवमानना याचिका दायर की गई है। इस याचिका में बैंक की भर्ती प्रक्रिया को निलंबित करने और बैंक को टीसीएस के अलावा किसी अन्य कंपनी के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया आयोजित नहीं करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। इस याचिका पर 3 दिसंबर को सुनवाई होगी।
इस बीच बैंक संचालक मनोहर पाउणकर ने सहकारिता आयुक्त से शिकायत की। यह बताया गया है कि बैंक ने टीसीएस के बजाय आईटीआई लिमिटेड को चुना। इसमें बैंक कर्मचारियों की भर्ती स्थगित करने का अनुरोध किया गया है। संभागीय सह-पंजीयक, सहकारी संस्थाएं, नागपुर के अनुसार बैंक ने कोर्ट में दिए गए शपथ पत्र के अनुसार भर्ती प्रक्रिया नहीं की है।
इसलिए अपर आयुक्त को रिपोर्ट सौंपी गई कि उन्हें भर्ती से हतोत्साहित करने के लिए निरोधक आदेश जारी किया जाए। इस रिपोर्ट के बाद पुणे के अतिरिक्त आयुक्त एवं विशेष रजिस्ट्रार सहकारी समिति श्रीकृष्ण वाडेकर ने आदेश दिया है कि हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना न हो, इसलिए अवमानना याचिका पर अगली सुनवाई तक भर्ती प्रक्रिया स्थगित कर दी जाए। भर्ती लटकते ही एक बार फिर निदेशकों के चेहरे उतर गए हैं।
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