A2Z सभी खबर सभी जिले कीUncategorizedअन्य खबरेपंजाबहरियाणा
Trending

पंजाब में दिल्ली-असर-कटरा राजमार्ग का काम अभी भी प्रगति पर है ?…किसानों ने “अपर्याप्त” मुआवजे से नाराज़ होकर पुलिस के साथ झड़प ..दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेसवे का हाल… हरियाणा में टोल शुरू, पंजाब में भूमि अधिग्रहण ही पूरा नहीं..

किसान यूनियन के नेता रतन सिंह रंधावा ने कहा कि सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने के बाद, किसानों ने मध्यस्थ से संपर्क किया था। रंधावा ने कहा, "ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब प्रशासन ने जमीन पर कब्जा करने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया। मालिकों ने या तो लड़ाई छोड़ दी और मुआवज़ा स्वीकार कर लिया या फिर मध्यस्थ या अदालत का रुख किया। परियोजना से पहले के सर्वेक्षणों के दौरान अधिक मुआवज़े की मांग को उजागर किया जाना चाहिए था।"....

पंजाब:-भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बन रहे दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेसवे की रफ्तार पंजाब में बेहद धीमी है। हरियाणा में जहां एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा भी शुरू हो गया है, वहीं पंजाब में अभी तक भूमि अधिग्रहण का काम भी पूरा नहीं हुआ है। महत्वाकांक्षी 669 किलोमीटर लंबे दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के हरियाणा खंड पर काम शुरू हो गया है, जबकि पंजाब में इस परियोजना पर अभी भी काम चल रहा है, जबकि असंतुष्ट किसान अधिक मुआवजे की अपनी याचिका पर मध्यस्थ के फैसले का इंतजार कर रहे हैं और जिला अधिकारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को शेष भूमि का कब्जा सौंपने में तेजी लाने का प्रयास कर रहे हैं।

अमृतसर जिले में अभी 70 प्रतिशत काम बाकी है। वहीं, तरनतारन में सिर्फ 47 प्रतिशत ही भूमि अधिग्रहण हो पाया है। बठिंडा में हाल ही में अमृतसर-जामनगर हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान किसानों और पुलिस के बीच जोरदार टकराव हुआ था। अमृतसर में प्रशासन और किसान आमने-सामने आ चुके हैं। इससे पहले जब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के इंजीनियरों और कर्मचारियों पर हमले हुए थे, तो केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पंजाब को दिए एनएचएआई के प्रोजेक्ट रद्द करने की चेतावनी थी। अब एक बार फिर किसानों और प्रशासन के बीच टकराव के कारण एक्सप्रेसवे का काम लटकता दिख रहा है। इसी पर आधारित विशेष रिपोर्ट।

पंजाब सरकार ने दावा किया है कि 15 नवंबर तक एक्सप्रेसवे के मुख्य कॉरिडोर पर 11 परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित 318.37 किलोमीटर भूमि एनएचएआई को सौंप दी गई है, जबकि मुख्य कॉरिडोर पर चार अन्य परियोजनाओं के लिए निर्धारित 156.23 किलोमीटर में से केवल 200 मीटर भूमि ही हस्तांतरित की जानी बाकी है।

सूत्रों का दावा है कि एनएचएआई के पास मुख्य कॉरिडोर के लिए लगभग पूरी चिन्हित भूमि का कब्जा था, लेकिन अमृतसर लिंक के स्पर II, जो नकोदर के पास कंग साहबू से शुरू होता है, तथा स्पर III के लिए हस्तांतरण अधूरा था।

अमृतसर की डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया: “करीब 6 किलोमीटर का काम लंबित था, जिसमें से 3 किलोमीटर का कब्ज़ा हाल ही में एनएचएआई को सौंप दिया गया है। बाकी बची ज़मीन के लिए दरों को लेकर विवाद है और मामला मध्यस्थ के पास निर्णय के लिए है।”

अगस्त में एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर मलेरकोटला के किसानों ने “अपर्याप्त” मुआवजे से नाराज़ होकर पुलिस के साथ झड़प की थी। अधिकारियों ने बताया कि भले ही अधिकांश भूमि अधिग्रहित कर ली गई थी, लेकिन कुछ स्थानों पर मालिक परिवारों के बीच विवाद था। मलेरकोटला की डीसी पल्लवी ने कहा: “पूरा कब्ज़ा एनएचएआई को सौंप दिया गया है और काम प्रगति पर है। हम जो भी मुद्दे हल कर सकते हैं, उन्हें हल करने का प्रयास कर रहे हैं, यहाँ तक कि अधिनियम के दायरे से बाहर भी, जहाँ भी आवश्यक हो, सहायता प्रदान कर रहे हैं। हम आम सहमति बनाने के लिए किसानों और हितधारकों के साथ नियमित बैठकें करते हैं।”

गुरदासपुर में 25.28 किलोमीटर भूमि का कब्जा एनएचएआई को सौंप दिया गया है, सिवाय 200 मीटर भूमि के जिस पर कोर्ट का स्टे है। इस पर काम शुरू हो गया है। अमृतसर में एक अधिकारी ने बताया कि कुछ गांवों में यह मुद्दा ज्यादातर उन किसानों से जुड़ा है जो “बढ़े हुए मुआवजे के लिए मध्यस्थ के पास गए थे और निर्णय आने तक कब्जा देने से इनकार कर दिया था।” ऐसी भूमि के टुकड़ों पर कब्जा करने के प्रयासों का प्रतिरोध किया गया।

संगरूर में ‘रोड संघर्ष समिति’ के तत्वावधान में किसानों के विरोध प्रदर्शन के नेता हरमन सिंह जेजी ने कहा कि अधिकांश भूमि मालिक मुआवज़े से असंतुष्ट थे और या तो मध्यस्थता के लिए चले गए थे या अदालत चले गए थे। “कुछ मामलों में, NHAI ने मध्यस्थ के फ़ैसले को अदालतों में चुनौती दी है। ऐसे मामले हैं जहाँ किसान अपनी बची हुई ज़मीन को छोटे-छोटे हिस्सों में बाँटने का विरोध कर रहे थे। NHAI के लिए, वे संगरूर, मलेरकोटला और पटियाला में पहचानी गई ज़मीन का अधिग्रहण करने में कामयाब रहे हैं। अब यह लड़ाई कानूनी तौर पर लड़ी जा रही है,” उन्होंने कहा। अमृतसर में किसान यूनियन के नेता रतन सिंह रंधावा ने कहा कि सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने के बाद, किसानों ने मध्यस्थ से संपर्क किया था।

रंधावा ने कहा, “ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब प्रशासन ने जमीन पर कब्जा करने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया। मालिकों ने या तो लड़ाई छोड़ दी और मुआवज़ा स्वीकार कर लिया या फिर मध्यस्थ या अदालत का रुख किया। परियोजना से पहले के सर्वेक्षणों के दौरान अधिक मुआवज़े की मांग को उजागर किया जाना चाहिए था।” पंजाब सरकार ने मुख्य सचिव के माध्यम से 18 नवंबर को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को बताया कि 318.37 किलोमीटर अधिग्रहित भूमि का 100% हिस्सा एनएचएआई को सौंप दिया गया है।


तरनतारन और मलेरकोटला में पुलिस सहायता प्रदान की गई थी। सरकार ने बताया कि एनएचएआई की कुल 182.57 किलोमीटर लंबाई वाली पांच परियोजनाओं में से 133.66 किलोमीटर का कब्जा है। तीन परियोजनाओं के लिए, कब्जा 100% है। गुरदासपुर जिले के औजला गांव में एक परियोजना के लिए, 200 मीटर का कब्जा एक अदालती मामले में अटका हुआ है। पांचवीं परियोजना के लिए, 6.5 किलोमीटर का कब्जा लंबित है। सरकार ने कहा, “अधिभार जो तुरंत नहीं हटाया जा सकता है।”


जालंधर में बेहद धीमा चल रहा काम, करना पड़ा बदलाव

दिल्ली-अमृतसर-जम्मू-कटड़ा एक्सप्रेसवे का काम जालंधर में कछुए की चाल से हो रहा है। यह एक्सप्रेस-वे पंजाब के साथ-साथ जालंधर से भी होकर गुजरेगा। इसके रूट के तहत जालंधर के वडाला चौक से 15 किलोमीटर दूर कंग साबू गांव से एक्सप्रेस-वे का एक हिस्सा नकोदर की तरफ मुड़कर गोइंदवाल साहिब की ओर भेजा गया है।

इसके अलावा दूसरा हिस्सा गांव रामपुर ललियां से होकर कपूरथला रोड की तरफ बढ़ेगा व यह करतारपुर को क्रॉस कर रहा है। इस हाईवे के मास्टर प्लान के तहत एक तरफ यह कपूरथला व दूसरी तरफ फगवाड़ा से जुड़ने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के कार्य की गति की बात करें तो कंग साहबू गांव के जिन-जिन खेतों में से हाईवे गुजरेगा, वहां पर काम शुरू किया जा चुका हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले एक्सप्रेस-वे से लोग 2.30 घंटे में जम्मू पहुंच सकेंगे, जबकि इस काम में हो रही देरी के चलते जालंधर से जम्मू पहुंचने में लोगों को 6 से 6.5 घंटे लग रहे हैं।

इसके साथ ही एक्सप्रेस-वे कस्बा फिल्लौर से होकर नकोदर से गुजरेगा। जालंधर से सटे कैंटोनमेंट एरिया की हद के ग्रामीण क्षेत्र से लेकर लांबड़ा, काला संघा रोड और कपूरथला रोड की तरफ बढ़ाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट से सिटी का रकबा 90 किलोमीटर से बढ़कर 125 किलोमीटर तक हो चुका है। नगर निगम के चुनाव से पहले छावनी क्षेत्र के 13 गांव नगर निगम की हद में शामिल किए गए थे।

जालंधर और कपूरथला जिलों ने पैकेज-10 के 39.5 किलोमीटर लंबे चरण-1 के लिए 97 प्रतिशत भूमि दे दी है, जबकि लुधियाना, जालंधर, संगरूर और मलेरकोटला ने पैकेज-9 के 43.04 किलोमीटर लंबे चरण-1 और पैकेज-8 के 36.8 किलोमीटर लंबे चरण-1 के लिए 96 प्रतिशत भूमि मंजूर कर ली है। इसी प्रकार, जालंधर, कपूरथला और गुरदासपुर जिलों में 43.02 किलोमीटर लंबे फेज-1 पैकेज-11 के लिए 83 प्रतिशत भूमि दे दी गई है, जबकि लुधियाना और मालेरकोटला जिलों से गुजरने वाले 35.09 किलोमीटर लंबे फेज-1 पैकेज-8 के लिए 69 प्रतिशत सभी कब्जों को हटा दिया गया.

लुधियाना में जमीन अधिग्रहण में अड़ंगा, प्रोजेक्ट पिछड़ा
पंजाब में जमीन अधिग्रहण को लेकर आ रही लगातार अड़चनों के कारण यह प्रोजेक्ट पिछड़ गया है। लुधियाना के 24 गांवों के 38.95 किलोमीटर के इलाके से यह प्रोजेक्ट गुजर रहा है। इसमें भी जमीन अधिग्रहण को लेकर काफी दिक्कतें आईं, लेकिन अब अधिग्रहण का काम लगभग पूरा कर लिया गया है और इस पर निर्माण कार्य चल रहा है। यह प्रोजेक्ट 2022 में शुरू किया गया था। लुधियाना जिले में 22 किलोमीटर के पैकेज में पंद्रह मार्च 2023 को कंपनी को ठेका दिया गया था, लेकिन जमीन अधिग्रहण न होने के कारण कंपनी काम नहीं कर पाई और अब कंपनी ने इस प्रोजेक्ट पर काम करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। इसके अलावा दूसरे पैकेज में 16.9 किलोमीटर के एरिया में इस प्रोजेक्ट का करीब साठ फीसदी तक काम पूरा कर लिया गया है।

बताया जा रहा है कि यह प्रोजेक्ट कुल 39 हजार करोड़ का है। इसमें 21 पैकेज में निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसमें 14 फ्लाईओवर, 14 रेलवे ओवरब्रिज, 31 इंटरचेंज बनाए जा रहे हैं। यह प्रोजेक्ट कुल 670 किलोमीटर लंबा है। ट्रैफिक एक्सपर्ट राहुल वर्मा का कहना है कि लुधियाना जिले में जमीन अधिग्रहण के कारण ही इस प्रोजेक्ट के काम में देरी हुई है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से पंजाबियों को काफी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब में जमीन अधिग्रहण समस्या है, लुधियाना हाईवे प्रोजेक्ट भी अधिग्रहण में दिक्कतों के कारण अटका हुआ है।
अमृतसर में सात माह से रुका है काम, मार्च 2026 तक पूरा हो पाएगा

पंजाब में दिल्ली-अमृतसर कटड़ा एक्सप्रेसवे का काम पूरा होने के लिए अभी लोगों मार्च 2026 तक का इंतजार करना पड़ेगा। किसानों का मुआवजे को लेकर सरकार के साथ विवाद जारी है। किसान अपनी भूमि का कब्जा हाईवे के लिए सरकार और एनएचएआई को नहीं दे रहे हैं। अमृतसर जिले के अधीन हाईवे का काम पूरी तरह पिछले करीब 7 माह से रुका हुआ है।

अमृतसर और तरनतारन जिलों अभी तक 70 प्रतिशत काम होने वाला है।
गौर हो कि सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से देश में 5 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट शुरू किए गए थे। इसके तहत दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेस का प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद 669 किलोमीटर का सफर लोगों कुछ घंटों में पूरा कर लेंगे। यहां तक कि पूरे देश में बन रहे इन 5 एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 2489 किलोमीटर है।

हाईवे के अंतरगत अमृतसर जिला का एरिया प्रोजेक्ट के फेस-1 ग्रीन फील्ड के तहत आता है। जिसमें पैकेज नंबर 11 के अनुसार 43.2 किलोमीटर जालंधर-कपूरथला रोड एनएच-703 ए नजदीक खोजेवाल गांव से अमृतसर टांडा रोड एनएच503 ए नजदीक हरगोविंद पुर करीब 319.400 किलोमीटर से 362.420 किलोमीटर है। इसी तरह पैकेज नंबर 12 के अनुसार यह 35.28 किलोमीटर के अनुसार अमृतसर टांडा रोड एनएच-503ए नजी श्री हरगोबिंदपुरा से पठनकोट गुरदासपुर रोड एनएच-54 नजदीक गुरदासपुर 362.420 किलोमीटर से 397.700 किलोमीटर के दायरे में है। यह एरिया जंडियाला गुरु से लोपोके एरिया आदि से होते हुए गुरदासपुर में प्रवेश करता है। इस एरिया का 70 प्रतिशत काम अभी लंबित है।

शुरू से विवादों में रहा प्रोजेक्ट
शुरू से ही एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट विवादों में रहा है। कभी किसानों ने मुआवजे को लेकर अपना विरोध जताया तो कभी प्रोजेक्ट का काम करने वाले इंजीनियर से मारपीट का मामला सामने आया। हालांकि, खुद केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी भी इस प्रोजेक्ट को पंजाब में बंद करने के लिए सरकार को पत्र लिख चुके है, लेकिन बाद में मुख्यमंत्री भगवंत मान के हस्तक्षेप के बाद इसे दोबारा शुरू किया गया। अभी तक किसानों की ओर से भूमि को कब्जे में लेने के लिए किए जा रहे लगातार विरोध के चलते काम नहीं हो पा रहा है, जबकि यह काम मार्च 2024 तक मुकम्मल होना था। एसडीएम-2 मनकंवल सिंह कहते हैं कि काफी किसान अभी भूमि का कब्जा नहीं दे रहे हैं। उनसे बातचीत चल रही है। जल्द ही लंबित काम मुकम्मल कर लिया जाएगा।

Vande Bharat Live Tv News
Show More

Vishal Leel

Sr Media person & Digital Creator
Back to top button
error: Content is protected !!